आमिर, देवल ब्यूरो ,जौनपुर। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों से कहा कि कतिपय जनपदों में गन्ना में पाइरिला पेर्पुसिला का प्रकोप परिलक्षित हो रहा है। यह गन्ने की प्रमुख विनाशकारी कीटो में से एक है। मादा पाइरिला दिन के समय पत्तियों के मध्य सिरा के साथ पीछे की सतह पर अंडे देती है और यह अंडे देने के लिए मध्य सिरा के पास पत्तियों के निचले छायादार और छिपे हुए हिस्से को पसन्द करती है। नये उभरे निम्फ 0.8-1.0 मिमी लम्बे दूधिया सफ़ेद रंग के होते हैं। पाइरिला एक हल्के पीले रंग का मुलायम शरीर वाला कीट हैं जिसका सर आगे की तरफ झुका होता है,पाइरिला वयस्क और निम्फ दोनों ही गन्ने के पत्तियों के नीचे से रस चूसते है लेकिन अधिकांश नुकसान निम्फ के कारण होता है। पत्तियों के रस चूसने के कारण पत्तियाँ पीली होकर मुरझा जाती है। पाइरिला पेर्पुसिला के बचाव के लिये रोपण से पहले सेट्स को क्लोरपायरीफाँस 20 ई.सी. का 2 मिली/लीटर पानी की दर से घोल में डुबोकर बुवाई करनी चाहिए और मेटारिजियम एनीसोप्लिया 107 स्पोर/मिली. की दर से पर्णीय छिड़काव करें और पाइरिला के अंडे को इकठ्ठा कर नष्ट कर देना चाहिये।
गन्ना में पाइरिला पेर्पुसिला का प्रकोप परिलक्षित हो रहा: कृषि रक्षा अधिकारी
मई 09, 2025
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