देवल संवाददाता,मऊ। होम्योपैथी के अविष्कारक डॉ हैनिमैन के जन्मजयंती को विश्व होम्योपैथी दिवस के रुप में गाजीपुर तिराहा स्थित आवास पर केक काट श्रद्धा सुमन अर्पित कर धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञा डॉ नम्रता श्रीवास्तव ने बताया कि होम्योपैथी एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जो बीमार व्यक्ति के शरीर एवं मन पर बिना साइड इफेक्ट डाले बीमारी के छिपे हुए कारण को ढूंढ कर जड़ से खत्म करती है। बीमारी छोटी बड़ी या असाध्य ही क्यों न हो कम से कम खर्च में इलाज हो जाता है। भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में अगर हरेक व्यक्ति का स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है तो होम्योपैथिक इलाज सबसे बेहतर है। वर्तमान में भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार आयुष पद्धतियों के विकास पर बहुत ध्यान दें रही है। 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में होम्योपैथिक चिकित्सालयों की संख्या 1585 से बढ़ा कर कम से कम दूना करने की जरूरत है। एक डिस्टिक एक मेडिकल कॉलेज के तर्ज पर एक जनपद एक होम्योपैथिक मेडिरकल कॉलेज और जनपद स्तरीय 100 बेड का जिला होम्योपैथिक अस्पताल खोलने की जरूरत है ताकि सभी को सस्ता एवं अच्छा इलाज मिल सके। उपस्थित सभी ने अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया।