देवल संवाददाता,आजमगढ़।वायस ऑफ आयुर्वेद संगठन ने सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. शैलेश कुमार राय के नेतृत्व में जुटे दर्जनों कार्यकर्ताओं ने एसीएमओ डॉ. अरविंद चौधरी पर भ्रष्टाचार, अधिकारों के दुरुपयोग और गैरकानूनी कार्रवाई के गंभीर आरोप लगाए।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि 13 जून को फरिहा के सुराई क्षेत्र स्थित फैजी मेमोरियल अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे एसीएमओ डॉ. चौधरी ने वहां तैनात आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. इरफान अहमद की बीएएमएस डिग्री को अमान्य बताते हुए बिना कोई नोटिस या कानूनी प्रक्रिया अपनाए अस्पताल को सील कर दिया।
संगठन का दावा है कि जब अस्पताल को पुनः चालू रखने की बात हुई तो एसीएमओ द्वारा बीस हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई और राशि न देने पर जबरन अस्पताल में ताला जड़वा दिया। संगठन ने इस पूरी कार्रवाई को नियमों के विरुद्ध और अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया है।
डॉ. शैलेश राय ने कहा कि सीएमओ या एसीएमओ को आयुर्वेद या यूनानी चिकित्सकों पर सीधी कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है(दैनिक देवल)। न तो डॉक्टर को नोटिस दिया गया, न कोई जांच बैठी, और न ही पक्ष रखने का अवसर मिला(दैनिक देवल)। यह कार्रवाई न केवल असंवैधानिक है, बल्कि चिकित्सा समुदाय का अपमान भी है।
इस संबंध में सीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि जिले के कुछ आयुर्वेदिक अस्पतालों में एलोपैथिक इलाज और ऑपरेशन जैसी गतिविधियों की शिकायतें मिली थीं। ऐसे अस्पताल जहां ऑपरेशन थिएटर जैसी एलोपैथिक सुविधाएं मिलीं, उन्हें नियमों के तहत सील किया गया है।
उन्होंने बताया कि संगठन की ओर से एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें आश्वासन दिया गया है कि भविष्य में अस्पताल में केवल आयुर्वेदिक चिकित्सा की जाएगी। हम इस पत्र पर विचार कर रहे हैं और यदि स्थिति संतोषजनक पाई गई, तो अस्पताल को दोबारा खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।