देवल संवादाता,मऊ। संस्कार ही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी होती है। संस्कारहीन व्यक्ति परिवार और समाज के लिए घातक होता है। संस्कारहीन समाज कभी भी प्रगति नहीं कर पाता है। अपने जीवनदाता माता-पिता के साथ ही बड़ों का आदर व सम्मान के साथ उनकी सेवा ही प्रत्येक प्राणी का लक्ष्य होना चाहिए। आधुनिक होते समाज में माता-पिता की उपेक्षा का भाव बहुत तेजी से प्रचलित हो रहा है जो चिन्ताजनक है। इस बदलाव की दिशा में मातृ-पितृ वंदन दिवस जैसे आयोजन बहुत ही सार्थण और प्रेरणादायी होंगे। प्रसिद्व चिकित्सक डॉ संजय सिंह ने यह उदगार शारदा नारायण फ्यूचर फाउंडेशन द्वारा आयोजित मातृ-पितृ वंदन दिवस में व्यक्त किया। इस दौरान विद्यार्थियों ने माता-पिता का पूजन करने के साथ उनकी आरती उतारी। कार्यक्रम में एडवोकेट सुनील कुमार सिंह,समाजसेवी अजीत सिंह,सरोज सिंह,सुनीता,प्रीति, राघवेंद्र,संजीव,पूजा,अमृता, बीना सहित अध्यापकों ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।