देवल संवादाता,मौनी अमावस्या के स्नान पर शहर के प्रमुख चौराहों से गलियों में भीड़ को डायवर्ट किया जा रहा था। जैसे-जैसे गंगा घाटों पर भीड़ बढ़ रही थी, वैसे-वैसे लोगों को दूसरे रास्तों पर भेजा जा रहा था। चौराहों से लगातार अनाउंसमेंट होती रही कि एक जगह खड़े न हों... बढ़ते रहें।
दशाश्वमेध पैक होने की जानकारी के बाद गोदौलिया, गिरजाघर, गुरुबाग, रथयात्रा, लहुराबीर, चेतगंज से ही श्रद्धालुओं को भेलूपुर और मैदागिन की ओर भेजा जा रहा था। यहां से लोगों को केदार, हरिश्चंद्र, नगवां, पंचगंगा, सिंधिया आदि घाट पर स्नान के लिए भेजा गया। सोनारपुरा, भेलूपुर, कमच्छा आदि इलाकों में बैरिकेडिंग लगाकर वाहन चालकों को डायवर्ट किया गया।
कई लोग नमो घाट व अन्य घाटों से मोटरबोट के जरिये दशाश्वमेध जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने इन्हें दशाश्वमेध घाट पर उतरने नहीं दिया गया। सिंधिया घाट व ललिता के आसपास के घाटों पर उतरकर लोग स्नान किए।