देवल संवाददाता, गोरखपुर ।रामगढ़ताल इलाके के नया सवेरा से चाय की दुकान से बच्चे का अपहरण करने वाला आरोपी सुरेश यादव ने क्रिसमस पर ज्यादा भीड़ का फायदा उठाकर बच्चे को पास बुलाया और चॉकलेट व पानी-बताशा खिलाने का लालच देकर फरार हो गया। पुलिस ने पहले सीसीटीवी खंगाला लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी फिर मोबाइल लोकेशन से पता चला कि सुरेश रेलवे स्टेशन के पास है।
तत्काल पुलिस वहां पहुंची और सभी प्लेटफॉर्म का निरीक्षण करने लगी। प्लेटफॉर्म नौ पर बच्चे के साथ सुरेश ट्रेन के इंतजार में खड़ा था। महिला के पहचानते ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। अगर थोड़ी देर होती तो वह ट्रेन से गोंडा निकल जाता।
आरोपी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह भी महिला की चाय स्टॉल पर काम करता था। उसी घर पर रहता भी था, लेकिन इधर महिला उसे बात-बात में फजीहत करने लगी। किसी के सामने डांट देती थी। उसे कई बार समझाया पर नहीं मानी तो उसे सबक सिखाने के लिए बच्चे को ले भागने का प्लान बनाया।
शाम से ही वह बच्चे के अपहरण के फिराक में था। महिला कहीं गई थी और स्टॉल पर सिर्फ उसकी बेटी थी तभी पहुंच गया और उसके बेटे प्रशांत को गोद में लेकर निकल लिया। वह उसे लेकर गोंडा में अपने गांव जाने वाला था। स्टेशन पहुंचने के बाद मोबाइल स्वीच ऑफ कर लिया था। रामगढ़ताल के एसओ चितवन कुमार ने बताया कि आरोपी की पहचान सिर्फ महिला ही कर सकती थी। स्टेशन पर टीमें लगी थीं, महिला ने दूर से ही पहचान लिया वरना वह ट्रेन से भागने की फिराक में था।
बेटे को सीने से लगाकर रोने लगी साधना..फोन कर पति को दी सूचना
रेलवे स्टेशन पर तीन साल के बेटे प्रशांत को सीने से लगाकर साधना रोने लगी। इसके बाद फोन कर पति को सूचना दी। पति हैदराबाद में प्राइवेट नौकरी करता है। साधना ने बताया कि प्रशांत काफी मन्नत के बाद तीन बेटियों के बाद हुआ था, अगर नहीं मिलता तो पति को क्या जवाब देती।
साधना ने बताया कि उसकी तीन बेटियां सपना (13), साक्षी (10) और रिया (6) के बाद प्रशांत का जन्म हुआ। उसके स्टॉल पर आरोपी युवक दो साल से काम करता था। पहले वह हैदराबाद में पति के साथ काम करता था और फिर गोरखपुर आ गया। इसलिए उसे जानती थी। पति ने यहां चाय और पकौड़े का स्टॉल खोला। इसे मैं देखने लगी और आमदनी भी होने लगी।
सुरेश यहां रहकर काम करने लगा। वह काम पर लेट से आता और बिना बताए चला जाता था। इसलिए डांट देती थी। मुझे पता नहीं था कि वह अंदर ही अंदर नाराज चल रहा है। शाम को क्रिसमस के चलते भीड़ ज्यादा थी। इसी का फायदा उठाकर शाम सात बजे बच्चे को लेकर भाग गया।
पुलिस के सामने आई कॉल..मांगी फिरौती
महिला जब रिपोर्ट दर्ज कराने नया सवेरा स्थित चौकी पर पहुंची तो फोन से फिरौती मांगने की सूचना दी। पहले तो पुलिस को यकीन नहीं हुआ, लेकिन थोड़ी देर में दोबारा फोन आया और पुलिस के सामने ही सुरेश ने पांच लाख की मांग की तो पुलिस भी सन्न रह गई।
इसकी सूचना तत्काल एसओ चितवन को दी और उन्होंने एसपी सिटी अभिनव त्यागी को दी। फिर तीन टीमें बनाई गई और दो घंटे की मशक्कत के बाद आरोपी पकड़ लिया गया। बच्चे को वापस देखकर साधना की जान में जान आई।