दैनिक देवल, सोनभद्र । मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा। सोमवार को जिले में हुई 443 जोड़ों की शादी में तीन ऐसे जोड़े भी शामिल रहे, जिनकी पहले ही शादी हो चुकी है। दो दंपती को पहले से बच्चे भी है। तीनों समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री के गृह ब्लॉक चोपन के हैं। शादी समारोह संपन्न होने के बाद जब मामला गर्म हुआ तो अधिकारी सत्यापन के लिए खुद गांव पहुंच गए। जांच में दोबारा शादी की पुष्टि के बाद उनको दिए गए सामान वापस लेने के साथ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में जिले के 1100 जोड़ों की शादी कराने का लक्ष्य मिला है। पहले चरण में करीब 900 आवेदन आए थे। इसमें सत्यापन के बाद 443 जोड़ों का सोमवार को तहसील स्तर पर विवाह कराया गया। रॉबर्ट्सगंज में 85, दुद्धी में 181, ओबरा में 86 और घोरावल तहसील में 88 जोड़ों ने सात फेरे लिए। इसके अलावा दुद्धी में दो, राबर्ट्सगंज दो और घोरावल में एक जोड़े का निकाह भी हुआ।
ओबरा तहसील में हुए सामूहिक विवाह में तीन ऐसे जोड़े भी रहे, जिनकी पहले ही शादी हो चुकी है। तीनों जोड़े चोपन ब्लॉक के हैं। सत्यापन और टोकन जारी होने के बाद मंडप में उनकी शादी दुबारा करा दी गई। इसमें दो जोड़ों को बच्चा भी है। जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर यादव ने बताया कि पहले से शादीशुदा जोड़ों को सत्यापन में पात्र करार देने वाले कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसकी रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को प्रेषित की जा रही है।