संतोष मिश्रा, देवल संवाददाता। बूढ़नपुर आज़मगढ़ टंडवा पटखौली
ललिता देवी, पत्नी रामकरन पाठक, निवासी टंडवा पटखौली, जो बेहद गरीब परिवार से हैं, आज भी सरकारी आवास योजना के लाभ से वंचित हैं। ललिता देवी का परिवार करकट की झोपड़ी में रहने को मजबूर है, जहां गर्मियों में झुलसती धूप और बारिश में भीगने की समस्या से उन्हें गुजरना पड़ता है।पीड़ित परिवार का आरोप है कि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि द्वारा आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए 20,000 से 30,000 रुपये की मांग की जा रही है। आर्थिक रूप से कमजोर यह परिवार इतनी बड़ी राशि देने में असमर्थ है। ऐसे में उन्हें बिना उचित घर के ही अपनी जिंदगी काटनी पड़ रही है।ललिता देवी ने बताया कि उनके पास सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लिए कई बार आवेदन किया गया, लेकिन हर बार रिश्वत की मांग पूरी न कर पाने के कारण उन्हें लाभ से वंचित कर दिया गया। उनके अनुसार, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक मांगी गई रकम नहीं दी जाएगी, आवास योजना के तहत उनका नाम आगे नहीं बढ़ेगा।यह मामला न केवल सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि गरीब और जरूरतमंद लोगों के साथ हो रहे शोषण को भी उजागर करता है। सरकार द्वारा गरीबों के लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ यदि ऐसे ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता रहेगा, तो जरूरतमंद परिवारों की स्थिति कभी नहीं सुधर पाएगी।ललिता देवी ने प्रशासन और उच्च अधिकारियों से अपील की है कि उनकी समस्या को संज्ञान में लिया जाए और उन्हें आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। साथ ही, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पर रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।इस पूरे मामले पर स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। यदि समय रहते प्रशासन ने इस समस्या का समाधान नहीं किया, तो गरीब और वंचित परिवारों का सरकारी योजनाओं से भरोसा उठ सकता है।अब देखना यह है कि प्रशासन ललिता देवी जैसे जरूरतमंद परिवारों को राहत दिलाने के लिए क्या कदम उठाता है और भ्रष्टाचार के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।