अमृत प्रभात ,सोनभद्र। सांसद छोटे लाल खरवार है या कमकर इस पर उठाए जा रहे सवाल पर हाई कोर्ट की तरफ से इसको लेकर 17 अक्टूबर को यह निर्णय आया है कि डीएम चंदौली को 10 सप्ताह के भितर जाती करण के विस्तार के आदेश दिये गये हैं लोकसभा निर्वाचन पर उठे खरवार को जाति पर सवाल हुए जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने और नामांकन पत्र अस्वीकार किए जाने की मांग की गई थी। नामांकन प्रक्रिया के दौरान जाति प्रमाणपत्र प्रभावी रहने के कारण डीएम सोनभद्र ने लगाए जा रहे आरोप पर परिस्थिति में किसी तरह का विचार निर्णय लेने से ईकार कर दिया था। तब इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। शिकायत पर नहीं हुआ निर्णय तो सुनवाई के लिए 17 अक्टूबर 2024 तिथि स्थित की गई थी। अरोप था कि छोटेलाल खरवार की तरफ से जातिगत के आधार पर अनुभूतियों प्रमाण पत्र जारी करा गया है। लेकिन इस तथ्य को छिपाकर जनपद चंदौली के अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र दाखिल कर लिखा गया है। इन सभी को लेकर उठाये गये सवालः याचिका में यह भी जानकारी दी गई है विएससी ऑर्डर 1950 में सोरियल नंबर 48 पा खरकर बैरया बिरादरी पूरे उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति में आती थी लेकिन एसटी ऑर्डर वाराणसी, सोनभद्र, देवरिया, बलिया और गाजीपुर में अनुसूचित जाति तथा शेष उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति दर्शाता है। सांसद छोटेलाल खरवार बोले, डर कर नहीं निडर होकर जाति प्रमाण पत्र की कराएंगे जांच, सांसद ने चकिया का नागरिक रजिस्टर गायब होने का लगाया आरोप सांसद ने उच्च न्यायालय के आदेश का किया स्वागत, भाजपा और अद को बताया दलितों का विरोधी, उच्च न्यायालय प्रयागराज ने रॉबर्ट्सगंज सीट से सपा के सांसद छोटेलाल खरवार के जाति प्रमाण पत्र को चुनौती देने वाली याचिका पर जिला प्रशासन चन्दौली को आगामी 10 सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने जाति प्रमाण पत्र की वैधता और उसके निरस्तीकरण पर आदेश पारित करने के भी निर्देश दिए हैं। उक्त आदेश का सांसद छोटेलाल ने स्वागत किया है। सांसद छोटेलाल खरवार ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि भाजपा और अपना दल एस आदिवासी और गरीबों की विरोधी है। वह अपनी जाति प्रमाण पत्र की की जांच कराने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मैं डीएम चन्दौली को जल्द ही पत्र लिखकर अन्य कई जनप्रतिनिधियों के जाति प्रमाण पत्र की जांच कराने की मांग करेंगे। कहा कि भाजपा आम को इमली और इमली को अम्म कहते है। सांसद ने आरोप लगाया है कि चकिया तहसील से नागरिक रजिस्टर गायब करवा दिया गया है।