कृष्ण कुमार तिवारी ,ब्यूरो चीफ ,अंबेडकर नगर ,दैनिक देवल |
जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अध्यक्षता में मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला की उपस्थिति में पराली जलाने से रोकने के संबंध में बैठक आयोजित किया गया। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा 24 एवं 26 के अंतर्गत खेत में फसल अवशेष जलाया जाना एक दण्डनीय अपराध है। बैठक के दौरान उप निदेशक कृषि द्वारा अवगत कराया गया कि पर्यावरण क्षतिपूर्ति हेतु दण्ड के प्राविधान निम्नवत है-
1.02 एकड से कम क्षेत्र के लिए रुपये 2500.00 प्रति घटना
2.02-05 एकड क्षेत्र के लिए रुपये 5000.00 प्रति घटना
3.05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रुपये 15000.00 प्रति घटना
4.अपराध की पुनरावृत्ति करने पर कारावास एवं अर्थ दण्ड से दंडित किया जाएगा।
समस्त कम्बाइन धारकों को अपनी कम्बाइन मशीन में SMS (सुपर स्ट्रो मैनेजमेंट सिस्टम) लगवाना अनिवार्य है।बैठक के दौरान जिलाधिकारी महोदय द्वारा निर्देशित किया गया कि बिना सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम लगे कम्बाइन से धान की कटाई करने पर कम्बाइन को सीज कर वैधानिक कार्यवाही की जाए। साथ ही साथ समस्त खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जनपद के समस्त ग्राम प्रधान को उनके संबन्धित ग्राम पंचायत में जन सामान्य के मध्य पराली जागरूकता अभियान के अन्तर्गत फसल अवशेष जलाने से भूमि एवं पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की जानकारी से अवगत कराएं तथा पराली को इकट्ठा करके कम्पोस्ट बनाने हेतु प्रेरित करें साथ ही साथ "पराली दो खाद लो" स्लोगन के तहत निकटतम गौ शाला में ग्राम प्रधानों के माध्यम से पराली पहुँचाकर गोबर की खाद लेने के लिए किसानों को प्रेरित करें ।
समस्त उप जिलाधिकारी को निर्देशित किया गया कि अपने नियंत्रणाधीन प्रत्येक राजस्व लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षक के माध्यम से पराली जलाने की घटनाओं का निरीक्षण कर कराते हुये उसकी रोकथाम हेतु आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित कराएं, साथ ही साथ अर्थ दण्ड की वसूली कराते हुये तत्काल संबन्धित हेड में जमा करना सुनिश्चित करें ।
समस्त थानाध्यक्ष अम्बेडकरनगर को इस आशय से कि अपने-अपने थाना अन्तर्गत पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अपने समस्त हल्का कान्सटेबल से निरंतर निगरानी कराना सुनिश्चित करें ।
उप कृषि निदेशक अम्बेडकरनगर अपने नियंत्रणाधीन जिला कृषि अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी तथा न्याय पंचायत स्तर पर कार्यरत क्षेत्रीय कार्मिकों के माध्यम से पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण एवं मृदा उर्वरता पर होने वाले प्रतिकूल प्रभाव को रोकने हेतु पराली प्रबंधन के तहत जन सामान्य में जागरूकता लाने एवं "पराली दो खाद लो" स्लोगन के तहत निकटतम गौ शाला में किसानों एवं FPO के माध्यम से पराली पहुँचाकर गोबर की खाद लेने के लिए किसानों को प्रेरित करें । बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी डॉ सदानंद गुप्ता, उप जिलाधिकारी, जिला विकास अधिकारी,उप निदेशक कृषि डॉ अश्विनी सिंह, खण्ड विकास अधिकारी तथा संबन्धित विभाग के अधिकारी/कर्मचारी मौके पर उपस्थित रहे।