कृष्ण कुमार तिवारी, ब्यूरो चीफ ,अंबेडकर नगर, दैनिक देवल |
अम्बेडकर नगर जिले के विकास खण्ड़ जहांगीरगंज अन्तर्गत ग्राम पंचायत कमालपुर पिकार मुबारकपुर पिकार में दुर्गा मंदिर परिसर में भगवान राम के अनेकों लीलाओ का मनमोहक मंचन श्री सूरज बाबा रामलीला समिति के द्वारा किया जा रहा है। रामलीला मंचन के दौरान योगेश मणि त्रिपाठी मास्टर साहब ने अपने गांव में रामलीला मंच पर पहुंचकर समिति के पदाधिकारियों का उत्साहवर्धन किया। रामलीला समिति के अध्यक्ष पदाधिकारियों ने योगेश मणि त्रिपाठी मास्टर साहब को फूल मालाओं एवं गीता पुस्तक देकर भेट कर स्वागत अभिनंदन किया। योगेश मणि त्रिपाठी मास्टर साहब ने बताया
हर बर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री सुरजू बाबा रामलीला समिति गांव के ही कलाकारो के माध्यम से किया जा रहा है। कमालपुर पिकार मुबारकपुर पिकार में रामलीला मंच पर दशरथ प्रतिज्ञा से लेकर राम वन वास तक किया गया। श्री त्रिपाठी मास्टर साहब ने बताया कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए महाराजा दशरथ का दिया गया वचन आज भी प्रसंगीत है। राम के लीलाओं के बारे में लोगों को विस्तार से बताया।कैकेयी ने वरदान लीला में दिखाया गया कि अयोध्या नगरी में खुशी-खुशी दिन बीत रहे थे।अयोध्या में राम के राजतिलक की तैयारियां चल रही थी।इसी बात को रानी कैकेयी से सांझा करने के लिए जब दशरथ उनके महल में जाते हैं तो वहां अंधेरा छाया होता है। इसका कारण वे मंथरा दासी से पूछते हैं तो वे कुछ नहीं बताती।इसके बाद राजा दशरथ खुद उनके महल में जाते हैं तो रानी कैकेयी कोप भवन में लेटी हुई थी। इसका कारण वे बार-बार पूछते हैं, तो रानी उन्हें उनके द्वारा दो वचनों की याद दिलाती है।राजा दशरथ दोनों वचन मांगने को कहते हैं, लेकिन राजा दशरथ को पहले राम की कसम खाने की बात पर कहती हैं।ये चिकनी चुपड़ी बातें करके अबला को न बहलाएं, सच्चे हैं तो रघुवंशी सौगंध राम की खाएं।इस पर राजा दशरथ राम की कसम खाते हैं. फिर कैकेयी बोली-लो सुनो प्राणपति प्राणनाथ ये दासी आज अपना वर मांगती है। कौशल्या नंदन के बदले निज सुत को राज मांगती है।प्रण जो कि दूसरा है मेरा लो सुन लो-ये राम जो राजा होते हैं तो राजा नहीं उदासी है। इसलिए राम सीता लक्ष्मण को 14 वर्षों के वनवास पर भेज दिया गया।रामलीला के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र तिवारी सहित गांव के कलाकारों एवं कार्यकर्ताओं की भूरि भूरि प्रशंसा किया। पंडाल में पुरुष व महिला दर्शकों की उमड़ी भीड़ नजर आई।