साढ़े पांच महीने से अधिक समय तक तिहाड़ जेल में रहने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जब जेल से बाहर आए हैं तो उन्होंने पद से दो दिन बाद इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। उनके सामने यह नौबत क्यों आई है, इसके पीछे के कारणों में जाएं तो आबकारी घोटाले ऐसा मामला है, जिसने आम आदमी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया है। मनीष सिसोदिया के साथ-साथ केजरीवाल भी इसी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पांच माह से अधिक समय तक जेल में रहे हैं और उन्हें बहुत कठिनाइयों के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल सकी है। उसमें भी कोर्ट से प्रतिबंध लगाए हैं। जब दिल्ली सरकार ने नई आबकार नीति लागू की थी, सरकार ने इस नीति के माध्यम से राजस्व बढ़ाने का दावा किया था। नीति लागू हो गई थी, दिल्ली वालों को सस्ते में शराब मिल रही थी।