बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अपहरण और रंगदारी सहित अन्य आरोपों में हुई सात साल की कठोर सजा को कानून के जानकारों ने अति आत्मविश्वास का दुष्परिणाम बताया है। उनका कहना है कि वादी अभिनव सिंघल और उसके गवाह अपने बयान से मुकर गए तो धनंजय सिंह को यह विश्वास हो गया कि अब कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। मुकदमा आसानी से खत्म हो जाएगा।उधर, अभियोजन की ओर से वादी के मुकरने के बाद भी अदालत में पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत करने में कोई कमी नहीं की गई। लिहाजा, बचाव पक्ष पर अभियोजन पक्ष पर भारी पड़ा और धनंजय सिंह को अपने सहयोगी संतोष विक्रम सिंह के साथ जेल जाना पड़ाअभियोजन पक्ष ने अदालत में वादी अभिनव सिंघल के मोबाइल की लोकेशन और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के माध्यम से यह साबित किया कि 10 मई 2020 की शाम को वह धनंजय सिंह के कालीकुत्ती स्थित घर पर था। धनंजय सिंह और संतोष विक्रम सिंह ने जल निगम के जेई और वादी के एमडी को फोन किया था। अभियोजन ने व्हाट्स एप मैसेज के माध्यम से साबित किया कि वादी का अपहरण करके जब उसे धनंजय सिंह के घर ले जाया गया था तो उसने अपने सुपरवाइजर हरेंद्र पाल के माध्यम से कंपनी के उच्चाधिकारी को सूचित करने के लिए कहा था। सीसी फुटेज के माध्यम से पचहटिया स्थित साइट से वादी को चारपहिया वाहन में बैठाकर धनंजय सिंह के घर ले जाने के पुख्ता साक्ष्य भी मिले थे। मुकदमे की विवेचना के दौरान वादी को मुजफ्फरनगर स्थित घर जाना पड़ा तो उसने लाइन बाजार थानाध्यक्ष से सुरक्षा मांगी थी। इस पर एक सिपाही की ड्यूटी लगी और उसने अपनी निगरानी में वादी को उसके घर तक पहुंचाया। अभियोजन ने 3 मिनट 28 सेकेंड की ऑडियो क्लिप के माध्यम से साबित किया कि अपहरण और रंगदारी मांगे जाने की वारदात के बाद जब वादी धनंजय सिंह के घर से निकला तो उसने फोन कर विस्तार से पूरी बात अपने एमडी को बताई।इन्हीं आधारों पर अदालत ने कहा कि जो मुकदमा दर्ज कराया गया है, उसमें पर्याप्त दस्तावेजी साक्ष्य पत्रावली पर उपलब्ध हैं। वादी के मुकरने के बाद दिए गए कथन के संबंध में कोई साक्ष्य पत्रावली पर मौजूद नहीं हैं। इसलिए अभियुक्तों को वादी के मुकरने का कोई लाभ नहीं मिलेगा। वादी को यदि अभियुक्तों से कोई डर या परेशानी नहीं थी तो उसके द्वारा घटना के तुरंत बाद क्यों अपने उच्च अधिकारियों को फोन किया गया और एसपी से मुलाकात की गई। थाने जाकर क्यों स्वलिखित तहरीर दी गई। इसलिए मामला पूर्ण रूप से अभियुक्तों के विरुद्ध साबित है।