मऊ। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. मऊ में कार्यकारी सहायक पद पर नियुक्त रहे मिथिलेश यादव को विभागीय जांच उपरांत किसी भी प्रकार के वित्तीय अनियमितता संबंधित मामले में सम्मिलित नहीं पाए जाने पर निर्दोष साबित किया गया है। मऊ जनपद में अप्रैल 2023 के दौरान काफी पुराने मामले वित्तीय वर्ष 2015 16 और 2016-17 में विभिन्न कार्यों के मध्य में किए गए भुगतान से संबंधित एक बड़ा वित्तीय अनियमितता का प्रकरण सामने आया था। जिसके तहत कई लोगों पर विभागीय कार्रवाई करते हुए निलंबन व स्थानांतरण किया गया था। उसी क्रम में कार्यालय के कार्यकारी सहायक पद पर नियुक्त मिथिलेश यादव का भी स्थानांतरण करते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। जिसका प्रकरण अभी जांच में चल रहा था। इस दौरान विभागीय एवं कानूनी जांच के तहत मिथिलेश यादव को निर्दोष साबित किया गया है। गौरतलब हो कि 25 अप्रैल 2023 को वाराणसी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी के पत्रांक के अनुक्रम में विद्युत वितरण खंड मऊ प्रथम में इआरपी प्रणाली में ओ एण्ड एम मद में अपलोड किए गए बिजकों/देयको से संबंधित कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया। सत्यापन एवं विस्तृत जांच हेतु जांच समितियां का गठन किया गया। जांच समिति द्वारा विभिन्न कार्यकारी संस्थाओं के वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 से संबंधित ओ एण्ड एम बिजकों से संबंधित पत्रावली एवं एमबी की गहनता से जांच की गई। जिसमें ओ एण्ड एम मद में रुपया 5 लाख की अनियमितता पाई गई। इसके साथ ही अन्य बिलों में भी काफी बड़ी रकम के अनियमितता का मामला सामने आया। जिसको लेकर विद्युत वितरण निगम मऊ खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता सहित तमाम कर्मचारियों का स्थानांतरण करते हुए वित्तीय अनियमितता का मुकदमा दर्ज कर जांच बैठा दी गई थी। उप सचिव द्वारा शुक्रवार को आदेश सुनाया गया की जांच कमेटी द्वारा पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर गहनता पूर्वक जांच की गई। पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर जांच में मिथिलेश यादव की संलिप्तता नहीं पाई गई। जिन्हें दोष मुक्त करते हुए प्रकरण को समाप्त किया जाता है।