देवल संवाददाता, इन्दारा। घोसी विकास खंड के सेमरीजमालपुर में सात दिवसीय चल रहे श्रीमदभागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक डॉ श्रीनिवास आचार्य ने जब राम जन्म की कथा सुनाई तो श्रोता भाव विभोर हो गए। उन्होंने कहा कि जब अयोध्या में भगवान राम का जन्म होने वाला था, तब समस्त अयोध्या नगरी में शुभ शकुन होने लगे। भगवान राम का जन्म होने पर अयोध्या नगरी में खुशी का माहौल हो गया। चारों ओर मंगल गान होने लगे। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने भी पृथ्वी लोक पर आकर धर्म की स्थापना की। कथा वाचक ने कहा कि आज का व्यक्ति ईश्वर की सत्ता को मानने से भले ही इंकार कर दे,लेकिन एक न एक दिन उसे ईश्वर की महत्ता को स्वीकार करना ही पड़ता है। संसार में जितने भी असुर उत्पन्न हुए सभी ने ईश्वर के अस्तित्व को नकार दिया और स्वंय भगवान बनने का ढोंग करने लगे,लेकिन जब ईश्वर ने अपनी सत्ता की एक झलक दिखाई तो सभी का अस्तित्व धरा से ही समाप्त हो गया। अधर्म के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो लेकिन धर्म के मार्ग पर चलने वाले के आगे अधिक समय तक नहीं टिक सकता। कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथावाचक ने अन्य प्रसंगों को भी सुनाया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ अखिलानंद राय,कमलेश राय,प्रियंका राय,रमेश चंद्र राय,अवधेश राय,अनिल राय,डॉ अवनि राय,प्रकाश चंद्र राय,कृष्णमूर्ति राय,राजेश राय सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।