देवल संवाददाता, आजमगढ़। जिले के तरवां थाना क्षेत्र में हुई मारपीट मामले में थानाध्यक्ष की कथित पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ ग्रामीणों ने धरना दिया। जिसके बाद प्रभारी मंत्री अनिल राजभर के हस्तक्षेप और उच्च अधिकारियों की जांच के बाद 8 दिन बाद दूसरे पक्ष से भी मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार,बीते 4 अक्टूबर को तरवां थाना क्षेत्र में मारपीट का मामला सामने आया। घटना में एक पक्ष से एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ और उसे 26 टांके लगे। ब्लाक प्रमुख का आरोप है कि थानाध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने दूसरे पक्ष के लोगों का मुकदमा तुरंत दर्ज कर दिया, जबकि गंभीर रूप से घायल व्यक्ति और उसके परिजनों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की और थाने से दुर्व्यवहार कर उन्हें लौटा दिया गया।
इस पर ब्लॉक प्रमुख पल्हना अनुराग सिंह सोनू और मंडल अध्यक्ष भाजपा विक्रांत सिंह 5 अक्टूबर को थाने पहुंचे और संतोषजनक कार्रवाई की मांग की। जब जवाब नहीं मिला, तो क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों ने तरवां थाने का घेराव कर दिया। इसके बाद प्रभारी मंत्री अनिलराजभर के हस्तक्षेप और सीओ लालगंज, एसपी ग्रामीण एवं एसएसपी आजमगढ़ के आदेशों के तहत जांच कराई गई। जांच में SHO प्रथम दृष्टि में दोषी पाए गए और 12 अक्टूबर को दूसरे पक्ष के घायल व्यक्ति की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
दूसरे पक्ष से मुकदमा दर्ज होने के बाद ब्लॉक प्रमुख अनुराग सिंह सोनू ने कहा कि न्याय के लिए कहीं भी और किसी के भी खिलाफ जाना पड़े, तो पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि योगी जी और मोदी जी के मार्गदर्शन में भाजपा का हर कार्यकर्ता न्याय और विकास के लिए तत्पर रहता है और रहेगा ।