देवल संवाददाता, आजमगढ़। आजमगढ़ के साइबर क्राइम थाने ने एक बड़े अंतर्राज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह ऑनलाइन प्रोडक्ट्स की सेल और मार्केट वैल्यू बढ़ाने के नाम पर 'बूस्ट' करने का झांसा देकर लोगों से ठगी करता था। पुलिस ने इस मामले में ₹12.64 लाख की ठगी का शिकार हुए पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए 4 शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों से भारी मात्रा में फर्जी बैंक दस्तावेज, एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन और नकदी बरामद हुई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक यातायात विवेक त्रिपाठी और क्षेत्राधिकारी सदर (साइबर) आस्था जायसवाल के पर्यवेक्षण में 27 अक्टूबर को यह सफल ऑपरेशन चलाया गया। थाना साइबर क्राइम पर दर्ज मुकदमा संख्या 28/25 (धारा 318(4), 319(2), 317 BNS तथा 66C, 66D IT एक्ट) की विवेचना के दौरान तकनीकी सुरागों के आधार पर दिल्ली, गाजियाबाद और लखनऊ में छापेमारी की गई।
18 सितंबर को ग्राम गांगेपुर थाना रौनापार निवासी भूपेन्द्रनाथ यादव ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके पुत्र आर्यन यादव को टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया। वहां 'WOOCOMMERCE' कंपनी (वेबसाइट: WOOAUTOMATTIC.COM) के नाम पर प्रोडक्ट बूस्टिंग का काम बताया गया। अधिक मुनाफे का लालच देकर विभिन्न बैंक खातों में कुल ₹12,64,249 जमा करवाए गए, जो ठगी निकले। 23 अक्टूबर से थाना प्रभारी निरीक्षक देवेन्द्र प्रताप सिंह की टीम दिल्ली-गाजियाबाद-लखनऊ में सक्रिय थी। INDUSIND बैंक खाते से सुराग मिला, जिसके आधार पर रोहित कुमार से पूछताछ हुई। उसने साथियों मोनू, मोहित, अजय और मुख्य सरगना शक्ति कपाड़िया का नाम उगला।27 अक्टूबर को लखनऊ के APM पैलेस होटल (विकासनगर) में जाल बिछाया गया। मुख्य अभियुक्त शक्ति कपाड़िया एटीएम और पासबुक लेने पहुंचा तो रंगे हाथों धर लिया गया। उसके पास से कई पासबुक, चेकबुक, एटीएम, आधार कार्ड और ₹540 नकद बरामद हुए। शक्ति पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश आदि राज्यों के खातों से पैसे मंगवाने में इस्तेमाल होता था।
