कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।कार्यक्रम का नेतृत्व प्रधानाचार्य डॉ. मुकेश कुमार यादव के दिशानिर्देशन में डॉ राणा प्रताप विभागाध्यक्ष, निश्चेतना विभाग द्वारा किया जा रहा है सहयोगी टीम में डॉ. मिनाली गुप्ता, डॉ. मनीष त्रिपाठी, डॉ. सुदीप कुमार मौर्या और डॉ. प्रदीप कुमार राव शामिल हैं।
प्रत्येक दिन दोपहर 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक, हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग, और लाइव डेमो आयोजित किए जा रहा है । जिसके क्रम में व्याख्यान कक्ष में छात्रों को मैनिक्विन के द्वारा एवम् ऑडियो विजुअल आदि माध्यमों के द्वारा उचित तरीके से सीपीआर कैसे करें, के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है, सीपीआर का मतलब कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन है, जो एक आपातकालीन जीवन रक्षक प्रक्रिया है जो तब की जाती है जब किसी व्यक्ति की सांस या दिल की धड़कन रुक जाती है। इसमें छाती को दबाने (compression) और बचाव श्वास (rescue breathing) का संयोजन होता है। यह प्रक्रिया मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों में ऑक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह को बनाए रखती है जब तक कि चिकित्सा सहायता उपलब्ध न हो जाए।
हर व्यक्ति को सीपीआर सीखना चाहिए — क्योंकि दिल की धड़कन रुकने पर हर सेकंड बचाव है।
उक्त कार्यक्रम के महत्व को समझते हुए इसमें सभी छात्र, फैकल्टी सदस्य और स्टाफ सक्रिय भागीदारी कर रहे है ।आपको बताते चलें कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) के लिए एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य लोगों को यह जीवन रक्षक प्रशिक्षण देना है। यह कार्यक्रम कार्डियक अरेस्ट होने पर तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए सीपीआर प्रशिक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। मंत्रालय का लक्ष्य जनता और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सीपीआर तकनीकों में प्रशिक्षित करना है।
मंत्रालय का सीपीआर कार्यक्रम का उद्देश्य: लोगों को सीपीआर प्रशिक्षण देना ताकि वे कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में जीवन बचा सकें, जिसकी शुरुआत: दिसंबर 2023 में एक राष्ट्रव्यापी जन जागरूकता कार्यक्रम के रूप में शुरू किया गया।