देवल संवाददाता, मऊ। नदी संरक्षण और पर्यावरणीय जागरूकता के उद्देश्य से आज मऊ स्थित मुस्लिम इंटर कॉलेज के प्रांगण में एक दिवसीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता नदी जागरूकता कार्यक्रम के तहत आयोजित की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को नदियों की स्वच्छता एवं संरक्षण के महत्व से अवगत कराना तथा उनमें जिम्मेदारी की भावना उत्पन्न करना था।कार्यक्रम में विद्यालय के दर्जनों विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और गंगा सहित अन्य नदियों के प्रदूषण के विभिन्न कारणों पर प्रकाश डाला। प्रतिभागियों ने अपने विचार रखते हुए बताया कि किस प्रकार औद्योगिक अपशिष्ट, घरेलू गंदगी,प्लास्टिक कचरा,धार्मिक अनुष्ठानों के अवशेष और रासायनिक पदार्थ नदियों को प्रदूषित कर रहे हैं। साथ ही विद्यार्थियों ने इस समस्या के समाधान हेतु जनजागरूकता बढ़ाने, अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ बनाने तथा नदियों के किनारे हरित पट्टी विकसित करने जैसे ठोस सुझाव प्रस्तुत किए।प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों में मोहम्मद रय्यान ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया, अदनान अबरार को द्वितीय स्थान मिला तथा पंकज गुप्ता को तृतीय स्थान से सम्मानित किया गया। निर्णायक मंडल में सर्वश्री मोहम्मद इमरान, तबरेज़ जमाल और अम्मार अहसन अंसारी शामिल रहे,जिन्होंने प्रतिभागियों के विचारों और प्रस्तुति के आधार पर परिणाम घोषित किए। प्रतियोगिता का सफल संचालन परवेज़ अख्तर द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन जमीलुर्रहमान ने प्रस्तुत किया।विजयी प्रतिभागियों को विद्यालय के प्रधानाचार्य चन्द्र भूषण राय ने प्रमाण पत्र और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को केवल शिक्षा प्राप्त करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए,बल्कि उन्हें सामाजिक और पर्यावरणीय विषयों में भी सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।कार्यक्रम का संयोजन डॉ. हेमन्त कुमार यादव,जिला परियोजना अधिकारी,नमामि गंगे द्वारा किया गया। छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. यादव ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा,“युवा अपने जीवन की जिम्मेदारियों का चयन स्वयं करें और अपनी रुचियों के अनुसार भविष्य निर्माण में योगदान दें। साथ ही,अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारियों के साथ-साथ समाज और पर्यावरण के प्रति दायित्व निभाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। नदियों की स्वच्छता हमारी साझा जिम्मेदारी है,और आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें इन्हें प्रदूषण मुक्त रखना होगा।”
उन्होंने विद्यार्थियों को यह संदेश भी दिया कि स्वच्छ नदियाँ न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं,बल्कि जल जीवन और आजीविका की आधारशिला भी हैं। यदि आज युवा पीढ़ी जागरूक होकर संकल्प ले तो नदियों को बचाने का प्रयास एक जन आंदोलन का स्वरूप ले सकता है।यह भाषण प्रतियोगिता विद्यार्थियों के लिए केवल एक प्रतिस्पर्धा ही नहीं बल्कि एक प्रेरणादायक मंच साबित हुई,जहाँ उन्होंने अपनी वक्तृत्व कला का परिचय देने के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों पर गहरी समझ भी दिखाई। नदी संरक्षण के प्रति बच्चों में उत्पन्न यह चेतना निश्चय ही भविष्य में समाज को सकारात्मक दिशा देने में सहायक होगी।