बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति से बढ़ेगा रोजगार, योजना से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने की अपील
कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर । विधान परिषद श्री हरिओम पांडे, माननीय विधायक कटेहरी श्री धर्मराज निषाद, जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला व मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला ने कलेक्ट्रेट सभागार में “उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट (बी एंड बी) एवं होम स्टेट नीति 2025” के अंतर्गत शहरी होमस्टे, बेड एवं ब्रेकफास्ट (बी एंड बी) तथा ग्रामीण होमस्टेट से अधिक से अधिक लोगों को जोड़कर योजना से लाभान्वित किए जाने के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक की।
बैठक में माननीय सदस्य विधान परिषद, विधायक व जिलाधिकारी ने “बी और बी एवं होमस्टे नीति 2025” से अधिक से अधिक लोगों को जुड़ने और इस नीति के अंतर्गत प्राप्त होने वाले अनुदान का लाभ उठाने की अपील की। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में पर्यटकों के आगमन की संख्या में पर्यटकों के आगमन की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जिसके दृष्टिगत इस योजना से जुड़कर कोई भी व्यक्ति अपने आय के सृजन में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं।
बैठक में जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी/जिला पर्यटन अधिकारी अनुपम सिंह व पर्यटन विभाग के कार्य को द्वारा उक्त नीति के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति
यदि आप अपने घर के कुछ हिस्से को पर्यटकों को किराये पर देना चाहते हैं तो बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति आपके लिए एक बेहतरीन अवसर है। इस नीति से न केवल आपको अतिरिक्त आय का स्रोत प्राप्त होगा, बल्कि सरकार द्वारा विभिन्न रियायतें, प्रशिक्षण और प्रचार-प्रसार की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
नीति के अन्तर्गत पात्र इकाईया
शहरी होमस्टे:
ऐसे आवासीय भवन, जिनमें भूस्वामी स्वयं निवास करता हो एवं उसके पास अपने प्रयोग के बाद अतिरिक्त कक्ष उपलब्ध हो, जिन्हें वह पर्यटकों को आवास हेतु उपलब्ध कराना चाहे। ऐसे कक्षों की संख्या अधिकतम 06 हो सकती है, अर्थात कुल 12 शय्या की व्यवस्था किसी एक आवासीय इकाई में हो सकती है।
बेड एण्ड ब्रेकफास्ट (बी एण्ड बी):
ऐसे आवासीय भवन, जिनमें भूस्वामी स्वयं निवास न करता हो एवं उसके पास 01 से 06 कक्ष उपलब्ध हो, जिन्हें वह पर्यटकों को आवास हेतु उपलब्ध कराना चाहे। ऐसे कक्षों की संख्या अधिकतम 06 हो सकती है अर्थात कुल 12 शय्या की व्यवस्था किसी एक आवासीय इकाई में हो सकती है। इस इकाई में एक केयर टेकर रखना अनिवार्य होगा, जो इकाई के रख रखाव एवं संचालन का कार्य करेगा।
ग्रामीण होमस्टे
ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे आवासीय भवन, जिनमें भूस्वामी स्वयं निवास करता हो एवं उसके पास अपने प्रयोग के बाद कुछ कक्ष उपलब्ध हों, जिन्हें वह पर्यटकों को आवास हेतु उपलब्ध कराना चाहे, ऐसे कक्षों की संख्या 06 हो सकती है अर्थात कुल 12 शय्या की व्यवस्था किसी एक आवासीय इकाई में हो सकती है।
मुख्य लाभ इस प्रकार हैं :-
आपके और आपके परिवार के लिए आय का एक अतिरिक्त स्रोत सृजित होगा।
बिजली, जल कर, गृह कर और सीवर कर का भुगतान आवासीय दरों पर किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत छत पर सौर पैनल लगाने के लिए सौर ऊर्जा सब्सिडी प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान से आठ सहायक कर्मचारियों को निःशुल्क कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आपकी इकाई का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
पंजीकरण की पात्रता की मुख्य शर्ते :-
इस नीति में भवन का वैध स्वामी ही आवेदन करने हेतु अधिकृत है।
रेंट / लीज पर भवन लेकर इस नीति के अन्तर्गत पंजीकरण अनुमन्य नहीं है।
एक भवन परिसर को किसी भी स्थिति में केवल एक पंजीकरण प्रमाण पत्र ही निर्गत किया जायेगा। यदि भवन में एक से अधिक तल है, प्रत्येक तल हेतु पृथक-पृथक पंजीकरण अनुमन्य नही होगा।
न्यूनतम 1 किराये योग्य कमरा होना चाहिए।
अधिकतम 6 कमरे या 12 बिस्तर ही किराये पर दिए जा सकते हैं।
इस नीति के अन्तर्गत अधिकतम 06 कमरों को ही पंजीकृत किया जा सकेगा। ब्रेड एण्ड ब्रेकफास्ट की श्रेणी में पंजीकृत इकाई को 01 अतिरिक्त कमरा केयर टेकर के लिए रखना अनुमन्य होगा।
इस नीति में निर्धारित प्राविधानों का पालन न करने तथा पर्यटकों की सुरक्षा /सुविधाओं हेतु निर्धारित मापदण्डों के उल्लंघन की स्थिति में जिला प्रशासन की प्रतिकूल आख्या पर विभाग पंजीकरण निरस्त कर सकेगा।
भवन में उपलब्ध कुल कमरों में से केवल दो-तिहाई हिस्से को ही किराये पर दिया जा सकता है।
पंजीकरण के लिए शयनकक्ष, शौचालय, पानी, बिजली और फर्नीचर जैसी मूलभूत सुविधाएँ होना आवश्यक है।
पंजीकरण प्रणाली
बी एंड बी एवं होमस्टे नीति के अंतर्गत इकाइयों का पंजीकरण एक सरल और पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया है। नई और पहले से संचालित दोनों प्रकार की इकाइयाँ निर्धारित पोर्टल पर जाकर आसानी से पंजीकरण करा सकती हैं। इससे पर्यटन विभाग के रिकॉर्ड में आपकी इकाई शामिल हो जाती है और नीति के सभी लाभ आपको प्राप्त होते हैं।
ऑनलाइन पंजीकरण
पंजीकरण हेतु आधिकारिक पोर्टल https://up-tourismportal.in/application/bnb/login पर नई और मौजूदा दोनों इकाइयाँ इस पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करा सकती हैं। पहले से संचालित इकाइयों को 9 जून 2025 से एक वर्ष के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण प्रमाण पत्र वैधता 3 वर्षों के लिए मान्य होगा।
पंजीकरण शुल्क की जानकारी देते हुए बताया कि पंजीकरण शुल्क : शहरी होमस्टे (सिल्वर ₹2,000 / गोल्ड ₹3,000), बेड एंड ब्रेकफास्ट (सिल्वर ₹2,000 / गोल्ड ₹3,000), ग्रामीण होमस्टे/डॉरमेट्री ₹100 है।
इसी के साथ ही पर्यटन विभाग द्वारा उक्त नीति के मुख्य नियम और शर्तों, पंजीकरण से जुड़े प्रावधानों, सुविधाओं एवं सेवाओं तथा पंजीकरण की प्रक्रिया एवं आवश्यक अभिलेखों आदि की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
इस अवसर पर अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार वर्मा, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद अकबरपुर श्रीमती बिना सिंह, उद्यमी मित्र अखिलेश पटेल आदि सहित विभिन्न होटलों के प्रतिनिधि आदि सहित जनपद के नगरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न नागरिक उपस्थित रहे।