देवल संवाददाता, आज़मगढ़। एग्रीस्टैक डिजिटल क्रॉप सर्वे कार्य से स्वयं को अलग करने और अपनी समस्याओं को सामने रखने के लिए पंचायत सहायकों ने आज जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाते हुए कहा हमारी मांगे पूरी करो और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
पंचायत सहायक यूनियन उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने कहा कि शासनादेश के अंतर्गत खरीफ मौसम 2025 से ई-खसरा पड़ताल के तहत डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य लेखपालों की जगह प्राइवेट सर्वेयरों से कराने का निर्देश दिया गया है। कृषि विभाग जिलाधिकारियों के माध्यम से सर्वेयरों का चयन कर रहा है और मानदेय की व्यवस्था भी वही करेगा। आदेश में पंचायत सहायकों को भी सर्वेयर बनाए जाने की संभावना व्यक्त की गई है, जिसका उन्होंने कड़ा विरोध किया।
यूनियन ने ज्ञापन में कहा कि पंचायत सहायक इस कार्य को करने में कई कारणों से असमर्थ हैं। पहला कारण है तकनीकी संसाधनों का अभाव अधिकांश पंचायत सहायकों के पास जीपीएस सपोर्टेड स्मार्टफोन या जरूरी उपकरण नहीं हैं। दूसरा कारण है एकल कर्मचारी व्यवस्था—ग्राम पंचायत सचिवालय का संचालन पंचायत सहायक ही करता है। फील्ड में जाने से सचिवालय का काम बाधित होता है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे पूरी तरह कृषि विभाग का कार्य है, जबकि पंचायत सहायक पंचायती राज विभाग के अधीन काम करते हैं। विभागीय असंगतता के चलते यह कार्य उनके नियमित दायित्वों में शामिल नहीं है। इसके अलावा, प्रति गाटा या प्लॉट के हिसाब से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि बहुत ही न्यूनतम है, जो कार्यभार की तुलना में न्यायसंगत नहीं है। पंचायत सहायकों ने मांग की कि सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करे और उन्हें इस अतिरिक्त कार्य से मुक्त किया जाए।