देवल संवादाता,वाराणसी। सावन के चौथे और अंतिम सोमवार पर बाबा विश्वनाथ धाम में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है। वहीं सावन के अंतिम सोमवार पर काशीपुराधिपति की नगरी में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। चारों तरफ हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष से काशी गुंज रही है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की अटूट कतार लगी है। काशी विश्वनाथ मंदिर, चौक, ज्ञानवापी, मैदागिन आदि मार्गों पर शिवभक्तों का रेला उमड़ पड़ा है।
बाबा का भव्य शृंगार
सावन के अंतिम सोमवार को बाबा विश्वनाथ का रुद्राक्ष शृंगार किया गया। भक्त बाबा के रुद्राक्ष से सजे हुए स्वरूप का दर्शन कर प्रसन्न हो उठे।
बता दें कि अंतिम सोमवार को बाबा विश्वनाथ को जल अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं की कतार रविवार की शाम से ही बैरिकेडिंग में लग गई थी।
बाबा विश्वनाथ धाम में भक्तों पर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया गया। इस दौरान भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिला।
मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है। फूलों और रंगोली के साथ रुद्राक्ष से बाबा के धाम परिसर को सजाया गया है।
सुबह से कतार में खड़े होकर शिवभक्तों ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर बाबा का आशीर्वाद लिया।
सावन के आखिरी सोमवार, जिसे अंतिम सोमवारी भी कहा जाता है, इस दिन का विशेष महत्व है। इस दिन बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त काशी आते हैं। इस दिन मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है।
विश्वनाथ धाम में बाबा की मंगला आरती के साथ ही बाबा के दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ। भक्त हर- हर महादेव का जयकारा लगाते हुए धाम में प्रवेश करते रहे।
आधी रात के बाद से ही दूरदराज से आए कांवरियों और शिवभक्तों ने मंगला आरती के बाद पट खुलने पर महादेव का जलाभिषेक शुरू किया। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, भक्तों की भीड़ बढ़ती गई।
आरती के बाद धाम के बाहर मैदागिन एवं गोदौलिया की तरफ कतारबद्ध श्रद्धालुओं पर कोविलूर स्वामी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर, नायब तहसीलदार व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया।