कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।थाना क्षेत्र राजेसुल्संतानपुर अन्तर्गत ग्राम देवरिया बुजुर्ग निवासी 40 वर्षीय युवक ने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी घटना की जानकारी मिलते ही लोग हतप्रभ रह गए और परिवार में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अन्यत्र परीक्षण हेतु जिला अस्पताल भेज दिया है। मालूम हो ग्राम देवरिया बुजुर्ग निवासी सत्यपाल सिंह पुत्र कुंवर बहादुर सिंह उम्र लगभग 40 वर्ष घर से देवरिया बाजार में अपनी रूद्र आटो पार्ट की दुकान पर आए और साफ सफाई कर दुकान खोला और लगभग साढ़े ग्यारह बजे गांव का ही लड़का सूरज सिंह जो दुकान पर साथ ही रहता था वह आया और दुकान खुली देखकर वह गैलरी से अन्दर गया और सत्यपाल सिंह को नहीं देखा तो वह उस कमरे का दरवाजा खोला जिसमे सामान रखी जाती है और दरवाजा खोलते ही ही उसके पैर के नीचे से जमीन खिसक गई और वह चिल्लाते हुए बाहर निकल आया और अगल बगल के दुकानदार जब पहुंचे तो उसने बताया कि भइया कमरे में फांसी लगाकर लटक रहे हैं। जब बगल के दुकानदार अन्दर पहुंचे तो वहां का नजारा देख सभी दंग रह गए सत्यपाल सिंह छत के चुल्ले से प्लास्टिक की रस्सी से झूल रहे थे उनका चप्पल नीचे था और एक स्टूल भी था जिसे दुकान से उठाकर अन्दर लाया गया था और उसी पर खड़े होकर गले में फंदा डालकर नीचे लटक रहे थे। घटना की जानकारी थानाध्यक्ष विजय प्रताप तिवारी को दी गई पुलिस मौके पर पहुंच कर शव को फंदे से नीचे उतारा और सूचना मृतक के छोटे भाई राजन सिंह को दी गई तब तक खबर आग की तरह पूरे बाजार में पहुंच गई। घर पर मृतक की मां को जानकारी मिली तो वह रोते रोते बदहवास हालत में पहुंची और पूरा माहौल चीख पुकार से गमगीन हो गया। युवक की पत्नी रिंकी सिंह और एक मात्र पुत्र रुद्र प्रताप सिंह उम्र लगभग 11वर्ष अपने मायके जीयनपुर आजमगढ़ से घंटे भर बाद मौके पर पहुंचे तो वहां मृतक के बच्चे और पत्नी की चीख पुकार सुन सबकी आंखें नम हो गईं। पत्नी और बेटे जब बार बार यह कह रहे थे कि इनको डाक्टर के पास ले चलो ठीक हो जाएंगे इनकी दवा कराओ इन्हे कुछ नहीं होगा। दिया गया है। सरल स्वभाव एवं हंसमुख मृतक सत्यपाल सिंह ने ऐसा कदम किन परिस्थितियों में उठाया यह तो जॉच का विषय है लेकिन लोग निःशब्द है कि आखिर क्यों फंदे से लटककर सत्यपाल सिंह ने अपनी जीवन लीला समाप्त किया पत्नी रिंकी सिंह बेटा रुद्र प्रताप सिंह बार बार यही कह रहे थे कि हम अब किसके सहारे जिएंगे।