देवल संवादाता,वाराणसी। चेतावनी बिंदु के नजदीक पहुंचने के बाद अब गंगा का जलस्तर नीचे उतरने लगा है। पिछले 24 घंटे से गंगा के जलस्तर में गिरावट जारी है। बनारस में गंगा का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से कम हो रहा है लेकिन वरुणा के जलस्तर में ठहराव बना हुआ है। इसके कारण बाढ़ से होने वाली दुश्वारियां अभी कम नहीं हुई हैं। राहत शिविरों का संचालन अभी किया जा रहा है।
केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी बाढ़ बुलेटिन के अनुसार सोमवार की रात आठ बजे गंगा का जलस्तर 69.72 मीटर दर्ज किया। वहीं सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 69.96 मीटर था। 12 घंटे में जलस्तर में 24 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई है। अप स्ट्रीम मिर्जापुर, फाफामऊ और प्रयागराज के जलस्तर में भी गिरावट का सिलसिला बना हुआ है।
गंगा के जलस्तर में घटाव और बढ़ोतरी का सिलसिला बना हुआ है। इससे घाट किनारे तटवर्ती इलाके में रहने वाले लोगों की परेशानी भी बनी हुई है। गंगा का जल स्तर बढ़ने के बाद रमना टिकरी इलाके में बाढ़ के पानी से गंगा के तराई में बोई गई सब्जी और अन्य फसलें डूब गई हैं। खेत से पानी उतरने के बाद फसल खराब हो जाएगी।
ज्ञान प्रवाह नाले से घुसे पानी को निकालने के लिए सिंचाई विभाग की तरफ से लगातार मशीन चलाई जा रही है। इन इलाकों में स्थानीय लोगों द्वारा नगर निगम से दवा और कीटनाशक का छिड़काव कराने की लोगों ने मांग की है।
इस इलाके में रहने वाले लोगों का कहना है कि बाढ़ का पानी एक बार फिर उग्र रूप ले सकता है। बाढ़ ग्रस्त इलाके का निरीक्षण करने के लिए रोहनिया विधायक डॉ. सुनील कुमार पटेल सोमवार को सामने घाट स्थित ज्ञान प्रवाह नाला पर पहुंचे। नाला पर बने स्लिप गेट खुलने के मामले का जांच करने के लिए विधायक ने आश्वासन दिया।
बाढ़ के बीच नक्खी घाट पुल पर किशोर लगा रहे छलांग
वरुणा नदी में बढ़े जलस्तर के बीच नक्खीघाट पुल की रेलिंग पर चढ़ कर किशोर छलांग लगा रहे हैं। सोमवार दोपहर नक्खी घाट पुल 20 से अधिक की संख्या में नवयुवक जान जोखिम में डालकर नदी में छलांग लगाकर मस्ती कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर किशोरों को पुल से कूदता देखने के लिए लोगों की भीड़ भी नक्खी घाट पुल पर लग रही है। इससे पुल पर जाम की स्थिति भी बन जा रही है।
पशुओं के लिए चला टीकाकरण अभियान
नक्खीघाट, दनियालपुर और पुलकोहना जैसे बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ पशुधन सुरक्षा के लिए सोमवार को पशु चिकित्सा विभाग की ओर से मवेशियों को टीका लगाया गया और पशुपालकों को जरूरी दवाएं वितरित की गईं। पशुधन प्रसार अधिकारी राम मोहन और पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. लोकेश की निगरानी में यह अभियान चलाया गया।