देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। जिलाधिकारी बीएन सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों के कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) अधिकारियों के साथ बैठक की गयी। इस दौरान जिलाधिकारी ने समस्त औद्योगिक
इकाईयों के प्रतिनिधियों के साथ सीधा संवाद किया, तथा जनपद में औद्योगिक इकाईयों द्वारा कराये जा रहें सीएसआर के कार्यों के अनुमोदन, स्वीकृति तथा अनुश्रवण के संबंध में दिशा निर्देश दिए गए।
डीएम ने कहा कि कम्पनी अधिनियम 2015 की धारा 135 में सीएसआर के संबंध में यह व्यवस्था दी गयी है कि प्रत्येक वह कम्पनी जिसका नेटवर्थ 500 करोड़ या उससे अधिक है अथवा टर्नओवर 1000 करोड़ अथवा अधिक है, अथवा नेट प्रॉफिट 5 करोड़ अथवा अधिक है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में गत तीन वर्षों के औसत शुद्ध लाभ का कम से कम 2 प्रतिशत सीएसआर के कार्यकलापों में व्यय करना होगा। उपायुक्त उद्योग यह सुनिशिचित कर लें कि उपरोक्त मानकों के अन्तर्गत वर्तमान की सीएसआर इकाईयों के अतिरिक्त यदि अन्य कोई इकाई भी सम्मिलित होती हो, तो उसे भी डाटाबेस में ले लिया जाए। जनपद में स्थापित प्रत्येक सीएसआर कम्पनी के द्वारा सीएसआर धनराशि का व्यय जनपद सोनभद्र में ही कार्यों में किया जाए। प्रत्येक सीएसआर कम्पनी वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24, तथा 2024-25 में कराये गये कार्यों तथा संबंधित वित्तीय वर्षों में दो प्रतिशत सीएसआर धनराशि के रूप में कितनी धनराशि उपलब्ध थी, के सम्बन्ध में अपनी रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। शासनादेश के द्वारा जनपद में सीएसआर कार्यों के अनुश्रवण व सहायता के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय समिति का गठन किया गया है, उक्त समिति की बैठक प्रत्येक माह आयोजित की जाए। समस्त औद्योगिक इकाईयों के द्वारा प्रस्तावित्त सीएसआर के कार्यों की स्वीकृति जनपद स्तरीय समिति के द्वारा प्राप्त किया जाएंगा। किसी भी परियोजना का चयन तथा उसका क्रियान्वयन जनपद स्तरीय समिति के अनुमोदन के बिना न किया जाए। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी, डीसी एनआरएलएम सरिता सिंह, उपायुक्त उद्योग केशव यादव, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।