कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा क्षेत्र में चल रहे प्रसिद्ध बसखारी मेला में इस बार अव्यवस्थाएं और अवैध वसूली चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। एक ओर प्रशासन कांवड़ यात्रा को लेकर बेहद सख्त दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी ओर मेले में आए श्रद्धालुओं की बसों से अवैध वसूली की घटनाएं उजागर हो रही हैं।
जानकारी के अनुसार, प्रशासन द्वारा मेला क्षेत्र की सीमा से बाहर टांडा-मोतिगरपुर हाईवे पर बसों को खड़ा कराया जा रहा है, सिद्धेश्वर धाम मंदिर जो बस खड़ी है उससे भी नगर पंचायत कर रहा है अवैध वसूली ₹300 का पर्चा काटकर 1000 की वसूली की जा रही है बस चालकों ने बताया जब कि नगर पंचायत की सीमा से बाहर है। इसके बावजूद नगर पंचायत और उसके स्टैंड ठेकेदारों द्वारा जबरन वसूली की जा रही है। ठेकेदारों का आतंक इस हद तक है कि बस चालकों डरा- धमका कर हजार रुपया की वसूली की जा रही है जबकि ग्राम पंचायत मोतिगरपुर में वह मंदिर आती है मंदिर के नाम पर बस संचालको ने खुद दान कर रहे हैं मंदिर के नाम पर और वही दूसरी तरफ नगर पंचायत अवध वसूली की की जा रही है। दोहरी मार्ग झेल रहे हैं बस संचालक
बस चालकों और श्रद्धालुओं में इस मनमानी को लेकर गहरी नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि जब बस नगर पंचायत सीमा में खड़ी ही नहीं है, तो फिर ठेकेदार किस आधार पर वसूली कर रहे हैं? इससे कई सवाल खड़े हो गए हैं — क्या नगर पंचायत और ठेकेदारों की मिलीभगत से यह सब हो रहा है? क्या प्रशासन इस अवैध वसूली को रोकने के लिए कोई सख्त कदम उठाएगा या फिर जेब ढीली करने पर ही राहत मिलेगी?
स्थानीय लोगों और वाहन चालकों ने जिलाधिकारी एवं पुलिस प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर ठेकेदारों की अवैध वसूली पर रोक लगाने की मांग की है।
इस मामले में अधिकारियों से संपर्क किया गया लेकिन कोई संपर्क नहीं हो पायामें बस चालकों से हो रही अवैध वसूली, नगर पंचायत और ठेकेदारों की मिलीभगत पर उठे सवाल
अम्बेडकर नगर।
नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा क्षेत्र में चल रहे प्रसिद्ध बसखारी मेला में इस बार अव्यवस्थाएं और अवैध वसूली चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। एक ओर प्रशासन कांवड़ यात्रा को लेकर बेहद सख्त दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी ओर मेले में आए श्रद्धालुओं की बसों से अवैध वसूली की घटनाएं उजागर हो रही हैं।
जानकारी के अनुसार, प्रशासन द्वारा मेला क्षेत्र की सीमा से बाहर टांडा-मोतिगरपुर हाईवे पर बसों को खड़ा कराया जा रहा है, सिद्धेश्वर धाम मंदिर जो बस खड़ी है उससे भी नगर पंचायत कर रहा है अवैध वसूली ₹300 का पर्चा काटकर 1000 की वसूली की जा रही है बस चालकों ने बताया जब कि नगर पंचायत की सीमा से बाहर है। इसके बावजूद नगर पंचायत और उसके स्टैंड ठेकेदारों द्वारा जबरन वसूली की जा रही है। ठेकेदारों का आतंक इस हद तक है कि बस चालकों डरा- धमका कर हजार रुपया की वसूली की जा रही है जबकि ग्राम पंचायत मोतिगरपुर में वह मंदिर आती है मंदिर के नाम पर बस संचालको ने खुद दान कर रहे हैं मंदिर के नाम पर और वही दूसरी तरफ नगर पंचायत अवध वसूली की की जा रही है। दोहरी मार्ग झेल रहे हैं बस संचालक
बस चालकों और श्रद्धालुओं में इस मनमानी को लेकर गहरी नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि जब बस नगर पंचायत सीमा में खड़ी ही नहीं है, तो फिर ठेकेदार किस आधार पर वसूली कर रहे हैं? इससे कई सवाल खड़े हो गए हैं — क्या नगर पंचायत और ठेकेदारों की मिलीभगत से यह सब हो रहा है? क्या प्रशासन इस अवैध वसूली को रोकने के लिए कोई सख्त कदम उठाएगा या फिर जेब ढीली करने पर ही राहत मिलेगी?
स्थानीय लोगों और वाहन चालकों ने जिलाधिकारी एवं पुलिस प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर ठेकेदारों की अवैध वसूली पर रोक लगाने की मांग की है।
इस मामले में अधिकारियों से संपर्क किया गया लेकिन कोई संपर्क नहीं हो पाया