देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। मुख्य चिकित्साधिकारी डा अश्विनी कुमार के निर्देशन में संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन हिण्डाल्को हॉस्पिटल रेणुकूट की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा नीलम त्रिपाठी की अध्यक्षता में किया गया। इस दौरान उन्होंने मलेरिया के लक्षण एवं उससे बचने के उपाय के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की।
डा पीएन सिंह अधीक्षक सीएचसी म्योरपुर ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि म्योरपुर ब्लॉक मलेरिया एवं डेंगू के लिए अति संवेदनशील है, परन्तु आप सबकी सहभागिता से इन रोगों पर प्रभावी नियंत्रण संभव है। हिण्डाल्को चिकित्सालय रेणुकूट के ट्रेनिंग हॉल में धर्मेंद्र नारायण श्रीवास्तव जिला मलेरिया अधिकारी ने समस्त परियोजनाओं को संबोधित करते हुए बताया कि वर्ष 2030 तक पूरे भारत से मलेरिया के उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष निर्धारित किया गया है, जिस लिए वर्ष 2027 तक शून्य मलेरिया के लक्ष्य को प्राप्त करना है। मलेरिया एक घातक बीमारी है। जनपद में दो प्रकार का मलेरिया (पी वी और पी एफ) होता है। जिसमें पी एफ मलेरिया ज्यादा घातक होता है। मादा एनाफिलीज के काटने से मलेरिया रोग का प्रसार होता है। जनपद में कुल 12 परियोजनाएं क्रियाशील हैं. जिनके द्वारा जनपद के विभिन्न गांवों को गोद लिया गया है, जहां परियोजनाओं के द्वारा विशेष स्वास्थ्य शिविर का समय-समय पर आयोजन किया जाता है। मलेरिया के समूल उन्मूलन के लिए बुखार के समस्त रोगियों की जांच आवश्यक है। इस हेतु समस्त परियोजनाओं को आगे आकर जनपद को मलेरिया मुक्त करने में व्यापक भूमिका अदा करना चाहिए। समस्त परियोजनाओं को 200 मलेरिया रैपिड टेस्ट किट एवं प्रचार सामग्री भी प्राप्त कराई गई। मलेरिया की जांच एवं उपचार के अतिरिक्त रोग पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एन्टीलारवा का छिड़काव, फॉगिंग एवं एलएलआइएन (मच्छरदानी) का प्रयोग उपयोगी है। समस्त परियोजनाएं अपने सीएसआर के बजट से एलएलआइएन की खरीद कर सकती है। यह एक सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल माध्यम है। कार्यशाला को संबोधित करते हुए कंसल्टेंट कुमार शुभम ने बताया कि विगत वर्ष की तुलना में वर्ष 2025 में अब तक मलेरिया रोगियों की संख्या बहुत कम है। रेणुकूट से शक्तिनगर के मध्य वर्तमान में मलेरिया के साथ डेंगू का भी प्रकोप रहता है। जिससे बचाव के लिए सोर्स रिडक्शन प्रभावी उपाय है। जिला क्षय रोग अधिकारी डा आरजी यादव ने बताया कि क्षय रोग की जांच एवं उपचार सरकार के द्वारा मुफ्त की जाती है। हिण्डाल्को से यशवंत ने प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला में सर्व संजय रुन्थाला, शशांक शेखर, अमित इत्यादि उपस्थित रहे।