भारत के मुख्य जज बीआर गवई ने जजों की नियुक्ति को लेकर अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते समय दो बार सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों को नजर अंदाज किया, उस समय न्यायाधीशों की नियुक्ति में अंतिम निर्णय सरकार का ही था।
मुख्य न्यायाधीश ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन में 'न्यायिक वैधता और सार्वजनिक विश्वास बनाए रखना के' विषय पर ये बातें कही हैं।
जजों की नियुक्ति में किसका होता है फैसला-CJI
इस गोलमेज सम्मेलन में इंग्लैंड और वेल्स की लेडी चीफ जस्टिस बैरोनेस कैर और यूके के सुप्रीम कोर्ट के जज जॉर्ज लेगट भी शामिल हुए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'भारत में, विवाद का एक मुख्य मुद्दा यह रहा है कि न्यायिक नियुक्तियों में प्राथमिकता किसकी है। 1993 तक, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति में अंतिम निर्णय कार्यपालिका का होता था।