देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। मानव जाति के पुनः प्रादुर्भाव से ही जन कल्याण के लिए बनाई गई मनु स्मृति के काल खण्ड से क्षत्रिय सम्पूर्ण धरती पर जीवों की रक्षा के लिए कृत संकल्पित रहे और आज आधुनिक युग में भी कर्तव्य का पालन कर रहे हैं। इतिहास साक्षी है, जब कभी अखण्ड भारत भूमि पर संकट आया, तब क्षत्रिय समाज ने अपने प्राणों की आहुति देकर मातृभूमि की रक्षा की है। सतयुग में ईक्वांक्षु कुल में जन्मे मर्यादा पुरुषोत्तम राजा रामचंद्र से प्रारंभ होकर त्रेता युग में श्रीकृष्ण, राजा भरत, भगवान बुद्ध, ललितादित्य नागवंशी, बप्पा रावल, मिहिरभोज, चंद्रगुप्त समुद्रगुप्त, पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, दुर्गादास राठौड़, बन्दा बहादुर, क्षत्रपति शिवाजी महाराज, महाराज सुहेलदेव जैसे अनगिनत महापुरुषों की गौरव गाथा हमारे समाज समेत सम्पूर्ण मानव जाति के लिए सम्मान का विषय है। यदि हम अपने आने वाली पीढ़ियों को अपनी विरासत सौंपना चाहते हैं तो उन्हें शिक्षा और संयम का पाठ पढ़ाना पड़ेगा। यदि आज क्षत्रियों का इतिहास हटा दिया जाए तो भारत समेत आधी पृथ्वी का इतिहास शून्य हो जाएगा।
यह बातें मंगलवार को राजपूत करणी सेना के तत्वाधान में नगर के रामलीला मैदान में आयोजित क्षत्रिय महासम्मेलन में आए वक्ताओं ने कही। मुख्य अथिति जशपुर के महाराज /अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह जूदेव, कुंवरनी जया सिंह जूदेव, करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह रघुवंशी व विशिष्ट अतिथि एमएलसी विनीत सिंह रहे। सम्मेलन से पूर्व करणी सेना के सैंकड़ों सैनिकों ने प्रदेश अध्यक्ष का भव्य स्वागत किया। सम्मेलन का शुभारंभ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, महाराणा प्रताप व करणी सेना के पूर्व अध्यक्ष स्व. सुखदेव सिंह गोगामणि के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित करके किया गया। बाद करणी सेना की जिला इकाई ने प्रदेश अध्यक्ष का संयुक्त रूप से माल्यापर्ण कर स्वागत किया। मुख्य अथिति राकेश सिंह रघुवंशी ने कहा अब क्षत्रिय समाज राष्ट्र महापुरूषों का अपमान कदापि बर्दाश्त नहीं करेगा। ऐसा करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। विशिष्ट अथिति एमएलसी श्याम नारायण सिंह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए सरकार से किसी भी समाज के महापुरुष के अपमान पर राष्ट्रद्रोह का कानून बनाने की पुरजोर मांग किया। इस मौके पर केवटा राजपुर के हिमांशु सिंह, इन्द्रसेन सिंह, प्रवीण सिंह, मधुसूदन सिंह, सत्य प्रताप सिंह, सोनेन्द्र सिंह रघुवंशी, रामनारायण सिंह चन्देल, प्राचार्य अंजली विक्रम सिंह, रंजना सिंह, पुष्पा सिंह, डा गौरव सिंह मुन्ना, करणी सेना के मंडल अध्यक्ष मुन्ना सिंह, अभिषेक सिंह, मनीष सिंह, अंकुर सिंह कश्यप, रमेश सिंह आदि मौजूद रहे। सभा की अध्यक्षता संतोष सिंह चन्देल व संचालन आनंद सिंह ने किया।