देवल संवादाता,वाराणसी |महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर संस्थान में आने वालों को पंजीकरण से लेकर ओपीडी में दिखाने, जांच और उपचार के लिए उनको बड़े ही कठिनाई के दौर से गुजरना पड़ता है।
रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, सर्जरी के लिए भी 7 से 15 दिन की वेटिंग मिल रही है। मरीजों के परिजनों ने इसकी शिकायत पीएमओ में ऑनलाइन की है। साथ ही अस्पताल के ऑनलाइन पेज पर फीडबैक में अस्पताल की लापरवाही का जिक्र किया है।
अलग-अलग तरह के कैंसर से ग्रसित मरीजों को टाटा कैंसर संस्थान मुंबई तक का चक्कर न लगाना पड़े, इसी उद्देश्य के साथ सुंदरपुर में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर संस्थान और लहरतारा में होमी भाभा कैंसर संस्थान खोला गया। 500 से अधिक बेड वाले इस अस्पताल में देश के विभिन्न राज्यों से यहां मरीज आते हैं।
अस्पताल में भी मरीज को लेकर परिजन भागते-दौड़ते हर दिन नजर आते है। किसी को समय से जांच न होने का दर्द रहता है तो कोई रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी के लिए लंबी तारीख मिलने की वजह से परेशान रहता है। बीएचयू के सर्जिकल आंकोलॉजी से लेकर रेडियोथेरेपी विभाग में भी कई मरीज ऐसे आते हैं, जिनको कैंसर संस्थान में समय से जांच, इलाज नहीं मिल पाता है।
भोर से ही लगने लगती है गेट के बाहर लाइन
दूर दराज से इलाज के लिए आने वाले मरीज जल्द से जल्द अपना पंजीकरण करवाकर डॉक्टर को दिखा सकें, इसके लिए भोर से ही मरीजों की लाइन लगनी शुरू हो जाती है। हाथ में पहले की जांच रिपोर्ट सहित अन्य कागजात लेकर मरीज और उनके परिजन खड़े रहते हैं। गेट खुलने के बाद मरीज अपना पंजीकरण करवाते हैं। खास बात यह है कि ओपीडी पंजीकरण के लिए भी दो व्यवस्था है। जनरल और प्राइवेट। दोनों की फीस अलग है और फाइल भी अलग बनती है।
कैंसर संस्थान में सर्जरी, बीएचयू में रेडियोथेरेपी
सुंदरपुर निवासी एक महिला मरीज को ब्रेस्ट कैंसर था। परिजनों के अनुसार उन्होंने पिछले साल अगस्त में महामना कैंसर संस्थान दिखाया। कई बार चक्कर लगाने के बाद यहां ऑपरेशन कर ब्रेस्ट तो निकाल दिया गया। अब रेडियोथेरेपी की सलाह डॉक्टर ने दी है लेकिन बताया गया कि महीने भर का समय लगेगा। बीमारी बढ़ न जाए, इस वजह से बीएचयू के रेडियोथेरेपी विभाग में जाकर दिखाया। अब यहां से रेडियोथेरेपी करवाई जाएगी।
मां के इलाज में देरी की पीएम पोर्टल पर शिकायत
बृज इन्क्लेव निवासी 73 वर्षीय महिला को मुंह का कैंसर था। उनके बेटे फरवरी के पहले पखवारे में महामना कैंसर संस्थान लेकर आए। यहां डॉक्टर ने देखा, इलाज शुरू किया। अब महिला के बेटे ने पीएमओ में ऑनलाइन शिकायत जो की है, उसमें बताया कि करीब दो महीने की देरी के बाद मां को अप्रैल के अंतिम सप्ताह में सर्जरी की तारीख मिली। साथ ही उन्होंने ओपीडी में डॉक्टर के समय से न बैठने, कर्मचारियों के व्यवहार ठीक न होने की बात लिखी है।
बोले अधिकारी
मरीजों की संख्या को देखते हुए हम प्रयास कर रहे हैं। उपलब्ध संसाधनों से बेहतर इलाज और मरीजों की जांच की जा रही है। नई मशीनें भी मंगाई जा रही हैं। रेडियोथेरेपी सहित अन्य प्रक्रिया की पहले वेटिंग बहुत लंबी थी, अब वो भी धीरे-धीरे कम हो रही है। मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसकी निगरानी भी की जाती है। - डॉ. एसके प्रधान, निदेशक, महामना कैंसर संस्थान