कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।जिले में खादी एवं ग्रामोद्योग योजना के तहत दिए जा रहे ऋण वितरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत बैंक और खादी ग्रामोद्योग विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी लाभार्थियों को लोन वितरित किए गए, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है।
इस मामले को लेकर कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और जागरूक नागरिकों ने शिकायत दर्ज कर जांच की मांग की है। बताया जा रहा है कि प्रारंभिक जांच के बाद अब संबंधित विभागों में हड़कंप मच गया है। खादी ग्रामोद्योग विभाग और बैंकों के कई कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की तलवार लटक रही है। सूत्रों की मानें तो जांच में कई वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई जा सकती है।
सरकार की इस योजना का उद्देश्य था कि ग्रामोद्योग विभाग से ऋण लेकर लोग स्थानीय स्तर पर उद्योग स्थापित करें और बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराएं। लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट दिखाई दे रही है। कई लाभार्थियों द्वारा उद्योग स्थापित ही नहीं किए गए, और अधिकांश लोन सिर्फ कागजों पर ही दौड़ते रहे।
एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर उद्योग लगाए गए होते, तो उनमें काम करने वाले बेरोजगारों की संख्या क्या होती? क्या वह आंकड़ा भी महज दिखावा है?
फिलहाल, मामले की जांच की जा रही है और परत-दर-परत भ्रष्टाचार उजागर होने की पूरी संभावना है। अगर जांच निष्पक्ष हुई, तो कई बड़े चेहरों की भूमिका सामने आ सकती है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई संभव है।