शिवांश, ब्यूरो चीफ, देवल ।गाजीपुर।माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा दाण्डिक प्रकीर्ण जमानत याचिका संख्या-25993/2024 श्रीमती रेखा बनाम उ०प्र० राज्य में निर्गत दिशा निर्देशों के अनुपालन में न्यायपीठ, बाल कल्याण समिति गाजीपुर (प्रदत्त शक्तियां प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट) द्वारा दिनांक-12/05/2025 को समिति के अध्यक्ष श्रीमती सीमा पाठक और सदस्य श्री देवाशीष जी के द्वारा जिला कारागार गाजीपुर का निरीक्षण किया गया तथा वहा पर महिला बंदियों के साथ रह रहे 05 वर्ष तक के बच्चों से मिलकर उनके स्वाथ्य शिक्षा व अन्य विभिन्न प्रकार की सुविधाओं की विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त की गयी। वर्तमान में 0 से 5 वर्ष तक के कुल 06 बच्चे अपने संरक्षक अभिभावको के साथ जिला कारागार में रह रहे है। जिन्हे स्वाथ्य एवं पोषण सम्बन्धित सभी प्रकार की अनुमन्य सुविधा प्रदान की जा रही है। बच्चों के शिक्षण कार्य के सम्बन्ध में पूछे जाने पर जेलर सुनील दत्त मिश्रा द्वारा बताया गया है कि बच्चों को स्कूल से जोड़ने के निर्देश प्राप्त है जल्द ही बच्चों को विद्यालय एवं आगनबाड़ी केन्द्र से जोड़ा जायेगा। कुछ तकनिकी एवं व्यवहारिक दिक्कते आ रही है। जिसे जल्द ही दूर कर लिया जायेगा। उन्हों ने बताया कि समय-समय पर बच्चों का स्वाथ्य परीक्षण भी होता रहता है। जिसके लिये बाल रोग विशेषज्ञ जिला कारागार में निर्धारित समय पर आते रहते है। न्यायपीठ द्वारा महिला संवासियों से उनके परिवार में रह रहे बच्चों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई और आश्वासन दिया गया कि बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चों की आवश्यकताओं का चिन्हाकरण कर आवश्यक सहायता प्रदान की जायेगी। निरीक्षण के दौरान जेलर सुनील दत्त मिश्रा तथा डिप्टी जेलर रविन्द्र सिंह एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहें।
इसी क्रम में पं0 भोलानाथ मिश्र बालगृह(बालक) बड़ागॉव, मखदुमपुर सैदपुर, गाजीपुर का औचक निरीक्षण किया गया। संस्था में उपस्थित सभी 10 बालकों से सम्पर्क कर शिक्षा, स्वास्थ्य एवंे पोषण संबन्धित जानकारी प्राप्त की गयी। बच्चों द्वारा किसी भी तरह की कोई शिकायत नही की गयी। संस्था में उपस्थित कर्मचारियों को निर्देश दिये गये कि यथाशीघ्र बच्चों को विद्यालय में प्रवेश कराये जाये। साथ ही बच्चों का निरन्तर काउन्सलिंग कर उनके परिवार के बारें में प्राप्त छोटी सी छोटी जानकारियों को एकत्र कर समिति में प्रेषित करें ताकि परिवार से बिछुड़े बच्चों को उनके परिवार से मिलवाया जा सके। बच्चों के साथ खेल कुद एवं रचनात्मक गतिविधियां जारी रखें। सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखें।