भारतीय टीम के सुपर स्टार विराट कोहली ने 12 मई को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये टेस्ट करियर से संन्यास की घोषणा की। कोहली की घोषणा से क्रिकेट जगत स्तब्ध हो गया। 36 साल के कोहली से क्रिकेट जगत को बड़े-बड़े रिकॉर्ड्स तोड़ने की उम्मीद थी, लेकिन 'किंग' ने इंग्लैंड दौरे से पहले संन्यास लेना सही समझा।
विराट कोहली ने 123 टेस्ट में 30 शतकों और 31 अर्धशतकों की मदद से 9230 रन बनाए। उनकी औसत 46.85 की रही। कोहली के आंकड़े बेशक उनकी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं करते, लेकिन पिछले एक दशक में विराट ही थे, जिन्होंने क्रिकेट फैंस की दिलचस्पी दोबारा टेस्ट क्रिकेट में जगाई।
याद दिला दें कि विराट कोहली ने 20 जून 2011 को वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्सटन में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। उन्हें 269 नंबर की कैप मिली थी। कोहली के साथ दो और भारतीय खिलाड़ियों को टेस्ट डेब्यू का मौका मिला था। क्या आपको याद है कि कोहली के साथ किन दो खिलाड़ियों ने डेब्यू किया? चलिए आपको बताते हैं।
विराट कोहली के साथ भारतीय टीम ने अभिनव मुकुंद और प्रवीण कुमार को भी टेस्ट डेब्यू का मौका दिया था। कोहली ने इस मैच में क्रमश: 4 और 15 रन की पारी खेली थी। वहीं ओपनर अभिनव मुंकुद ने क्रमश: 11 और 25 रन की पारी खेली थी। डेब्यू मैच में प्रवीण कुमार छाए थे। तेज गेंदबाज ने मैच में कुल 6 विकेट लिए। उन्होंने दोनों पारियों में 3-3 विकेट चटकाए थे।
भारत ने जीता मैच
भारतीय टीम के लिए तीन खिलाड़ियों ने डेब्यू किया और यह यादगार बन गया क्योंकि भारत ने टेस्ट मैच जीत लिया था। भारत ने वेस्टइंडीज को किंग्सटन में 63 रन से मात दी थी। भारत ने पहले बल्लेबाजी करके पहली पारी में 246 रन बनाए, जिसके जवाब में वेस्टइंडीज की पहली पारी 173 रन पर सिमटी। इस तरह भारत को पहली पारी के आधार पर 73 रन की महत्वपूर्ण बढ़त मिली।
फिर भारत की दूसरी पारी 252 रन पर ऑलआउट हुई और कैरेबियाई टीम को जीतने के लिए 326 रन का विशाल लक्ष्य मिला। वेस्टइंडीज की टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए 68.2 ओवर में 262 रन पर ऑलआउट हुई।
लंबा नहीं रहा करियर
बता दें कि विराट कोहली के साथ मुकुंद और प्रवीण कुमार ने टेस्ट डेब्यू जरूर किया। मगर कोहली की तुलना में मुकुंद और प्रवीण का करियर लंबा नहीं रहा। कोहली ने जहां 123 टेस्ट खेले, वहीं अभिनव मुकुंद ने केवल सात टेस्ट खेले, जिसमें दो अर्धशतकों की मदद से 320 रन बनाए। वहीं, प्रवीण कुमार ने 6 टेस्ट खेले और 27 विकेट चटकाए। कोहली की तुलना में मुकुंद और प्रवीण के करियर में कुल मिलाकर 110 टेस्ट का फासला रहा।