देवल संवाददाता, गोरखपुर ।बस्ती में ट्रेन से सवा करोड़ के सोने के आभूषण बरामद होने के मामले में जिस जुयेब खान की चर्चा हो रही है, उसका हिंदी बाजार में तगड़ा नेटवर्क है। बताया जा रहा है कि पकड़े गए अवैध आभूषणों को इसी नेटवर्क के जरिये खपाने की तैयारी थी।
सूत्रों के मुताबिक, जुयेब की लखनऊ के चौक पर दुकान है। उसका हिंदी बाजार के गोपी गली, अंबे गहना, सराफा भवन के आगे समेत तीन दुकानों से गहरा व्यापारिक हिसाब किताब है। जांच एजेंसी अवैध सोने के आभूषणों को खपाए जाने में इस नेटवर्क के कनेक्शन की भी जांच कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक, जो आभूषण पकड़े गए हैं, उसके लिए सोना गोरखपुर से ही लखनऊ गया था। धंधेबाजों ने लखनऊ में सोने को गलवाकर आभूषण तैयार करवाए और उसे खपाने के लिए गोरखपुर भेज दिया।
ये आभूषण हिंदी बाजार के गोपी गली, अंबे गहना बाजार, घंटाघर रोड, हरवंश कटरा समेत अन्य जगहों तक पहुंचना था। इसके बदले फिर यहां के एक बड़े केंद्र से अवैध बुलियन लेकर लखनऊ जाना था।
जीआरपी ने पकड़े गए अवैध सोने के आभूषणों को केंद्रीय एजेंसी को सौंप दिया है। इस मामले में हिंदी बाजार के पांच धंधेबाजों के नाम सामने आए हैं, उनकी जांच की जा रही है।
लखनऊ से गोरखपुर लाया जा रहा सवा करोड़ का सोना पकड़ा गया
जीआरपी ने सोमवार सुबह बस्ती में लोकमान्य तिलक सुपरफास्ट ट्रेन की बोगी से करीब सवा करोड़ रुपये का सोना बरामद किया। जीआरपी ने पश्चिम बंगाल के रहने वाले तस्कर को भी दबोच लिया। पूछताछ में उसने बताया कि लखनऊ के एक शख्स ने इसे गोरखपुर पहुंचाने के लिए दिया था। पुलिस के साथ आयकर विभाग की टीम भी जांच में जुट गई है।
जानकारी के अनुसार, सोमवार को मुखबिर की सूचना पर जीआरपी की टीम लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस के यात्रियों की जांच की। इस दौरान एक बोगी में संदिग्ध युवक मिला। उसने अपना नाम लालू महीश निवासी सुखचन्द्रपुर थाना घटाल, जिला पश्चिम मेदनीपुर, पश्चिम बंगाल बताया। तलाशी में उसके पास से सात पैकेट में 1573.63 ग्राम सोने के आभूषण मिले। आभूषणों की कीमत करीब एक करोड़ 25 लाख रुपये आंकी गई। लालू ने पुलिस को बताया कि सभी आभूषण लखनऊ के सराय माली खां निवासी जुयेब खान ने दिया है। जुयेब ने उससे कहा कि इसे गोरखपुर लेकर जाओ। वहां फोन करके बताऊंगा कि पैकेट किसे देना है।