देवल संवादाता,आजमगढ़।सड़कों पर हादसों को रोकने के लिए शासन ने ट्राॅली को लेकर गाइडलाइन जारी की है। अब ट्रॉली बनवाते समय मनमानी नहीं चलेगी। परिवहन विभाग ने ट्राॅली या ट्रेलर का पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया है। ट्रॉली पर भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगानी होगी। ट्राॅली का निर्माण करने वाले निर्माताओं को भी परिवहन विभाग में पंजीयन करना होगा।
ट्रॉली पर भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगानी होगी। ट्राॅली का निर्माण करने वाले निर्माताओं को भी परिवहन विभाग में पंजीयन करना होगा। निर्माण के लिए दिए गए मानकों का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी, जिससे हादसे के बाद आसानी से ट्राॅली या ट्रेलर मालिक का पता चल जाएगा। परिवहन विभाग अब नई तैयारी में जुटा है। नए वित्तीय सत्र से ट्राॅली और ट्रेलर का भी पंजीकरण आरटीओ में होगा।
उस पर चेचिस और रजिस्ट्रेशन नंबर पड़ेगा। एआरटीओ कार्यालय में नौ हजार 636 ट्रैक्टर कृषि कार्य में पंजीकृत हैं। काॅमर्शियल कैटेगरी में पंजीकरण नहीं है, जबकि अधिकतर ट्रैक्टर-ट्राॅली भट्ठों से ईंट पहुंचाने और भवन निर्माण सामग्री विक्रेता के दुकानदारों के भरोसे चल रही हैं।
मानक विहीन ट्रैक्टर-ट्राॅली और ट्रेलर से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए शासन के निर्देश पर विभाग अब इन पर सख्ती बढ़ाने जा रहा है। साथ ही ट्रैक्टर और ट्रेलर निर्माण करने वाले वर्कशॉप को भी मानकों के मुताबिक ट्राॅली व ट्रेलर निर्माण करना होगा, जिससे आकार दुर्घटना का कारण न बनने पाए।
ट्राॅली और ट्रेलर का भी पंजीकरण एआरटीओ में होगा। उस पर चेचिस और रजिस्ट्रेशन नंबर पड़ेगा। ट्राॅली का निर्माण करने वाले निर्माताओं भी परिवहन विभाग में पंजीयन करना होगा। ट्राॅली तैयार करने का मानक तैयार किया गया है। परिवहन विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। जिले में इसपर अमल शुरू कर दिया गया है। - अतुल कुमार यादव, एआरटीओ प्रवर्तन।