कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।विवेकानन्द शिशु कुञ्ज वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनटीपीसी टाण्डा जनपद अम्बेडकर नगर के भैया बहनों ने एनटीपीसी के मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अधिकारी रजनीश खेतान जी जो इस समय मानव संसाधन विकास में ए.जी.एम. हैं। सब प्रकार की योजनाओं की चिन्ता करने की एक बृहद जिम्मेदारी सम्भालते हैं अत्यन्त व्यस्ततम समय से उन्होंने हमारे भैया बहनों के लिए जीवन से जुड़े हुए प्रश्नों पर परिचर्चा करने का समय दिया। सरस्वती यात्रा में चार भैया व दस बहनें कुल चौदह विद्यार्थियों ने सहभाग किया। परिचय पश्चात बहन अंशिका वर्मा ने दिनचर्या और समय की व्यवस्थितता के बारे में प्रश्न किया इसका उत्तर देते उन्होंने बताया की हमेशा पढ़ाई में जब तक अच्छा मन लगे तब तक ही पढ़ना चाहिए प्रत्येक विषय को बराबर कालांश देने चाहिए और दो विषयों के बीच के अन्तराल में फ्रेश होने के लिए थोड़ा बहुत टहलना भी आवश्यक होता है। बहन शिप्रा सिंह के प्रश्न विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन और पारिवारिक सामञ्जस्य कैसे स्थापित करते हैं ? का जवाब देते हुए उन्होंने अपनी ड्यूटी और सी.एस.आर. द्वारा विभिन्न सामाजिक जिम्मेदारियों की व्याख्या करते हुए कहा कि हम समाज को आगे बढ़ाने के लिए सोलर एनर्जी संयन्त्र, मार्ग व्यवस्था, शिक्षण कार्य के लिए सरकारी विद्यालयों को सम्प्रभु बनाने के लिए सहयोग, आदि समाज हित के मुद्दों पर कार्य करके समाज का सहयोग करते हैं । परिवार के प्रति भी अपनी दिनचर्या में समायोजन करना होता है। अपने बाल्यकाल और छात्र जीवन में मोटीवेशन के शुभी चौधरी के प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा हमेशा अपने पिता को सर्वश्रेष्ठ मानना और किसी के पेरेंट्स से तुलना नहीं करना चाहिए। क्योंकि सबकी परिस्थितियाँ अलग-अलग होती हैं। जो भी व्यवस्था माता-पिता के द्वारा की जाए उसमें स्वाभाविक रूप से और सहज भाव से सामञ्जस्य बैठाना चाहिए। मैंने अपने जीवन में हमेशा यह सोचकर पढ़ाई की कि मुझे वापस गांव नहीं जाना है, मुझे कुछ करना है मेरे जीवन में इसके अलावा कोई ऑप्शन ही नहीं था मुझे लगता है कि मुझे सफलता इसी कारण मिली। बात मोटिवेशन की करें तो मैं स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन से और पूर्व राष्ट्रपति व प्रबुद्ध वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन से अत्यधिक प्रेरणा लेता हूं। यह दोनों ही मेरे लिए प्रेरणा स्रोत हैं। आयुष यादव ने ध्वनि प्रदूषण से उत्पन्न दिक्कतों के बारे में और पॉवर प्लांट द्वारा श्रमिकों के लिए मुआवजा सम्बन्धी जानकारी ली। भैया अंश पटेल,दिव्य तिवारी, प्रतीक और बहन श्रेया पटेल ने अपने जीवन को उत्कृष्ट बनाने के लिए आवश्यक जानकारी ली। खेतान जी उन्हें एटॉमिक हैबिट्स पुस्तक के स्वाध्याय के लिए प्रेरित किया। अनन्या पटेल ने पूँछा कि कई बार लक्ष्य अपूर्ण रहने पर उदासी आती है तो उन्होंने कहा कि हमें छोटे छोटे लक्ष्य बनाकर और उन्हें प्राप्त कर स्वस्थ मन से आगे बढ़ना चाहिए। भार्गवी त्रिपाठी, अन्तरा पाण्डेय, कृतिका शाह एवं गरिमा तिवारी के अनेक प्रश्नों का बेबाकी से उत्तर देते हुए रजनीश खेतान जी ने जीवन कौशल के अनेक सूत्र दिए। आचार्या बहन शिप्रा और प्रधानाचार्य वीरेन्द्र वर्मा ने धन्यवाद देकर अपेक्षा के साथ निवेदन किया कि विद्यालय को आगे ले जाने में संस्थान का सहयोग करते रहें। आदरणीय खेतान साहब ने भैया बहनों के विकास के लिए हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। इस यात्रा के प्रयोजन का उद्देश्य भैया बहनों के उत्साह को देखकर पूर्ण हुआ ऐसा माना जा सकता है।
अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान विद्या भारती के तत्वधान में सरस्वती यात्रा का हुआ आयोजन
फ़रवरी 25, 2025
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