कृष्ण कुमार तिवारी, ब्यूरो चीफ, अंबेडकर नगर, दैनिक देवल |
राष्ट्रीय सँविधान दिवस के अवसर पर राजकीय बालिका इण्टर कालेज बेवाना में छात्राओं के बीच में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें 100 से अधिक बालिकाओं ने भागीदारी किया।
सी.एस.इ.आई दिल्ली के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मनोज कुमार ने कहा कि यह वह दिन था, जब भारतीय संविधान को अपनाया गया था। बाद में सामााजिक न्याय मंत्रालय द्वारा लोगों को संवैधानिक मूल्यों की जानकारी देने के लिए 26 नवंबर को ही संविधान दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। हमारे देश का संविधान कई सिद्धांतों को समेटे है जिनके आधार पर देश की सरकार और नागरिकों के लिए मौलिक राजनीतिक सिद्धांत प्रक्रियाएं अधिकार दिशा-निर्देश कानून वगैरह तय किए गए हैं। 26 नवंबर 1949 में भारतीय संविधान सभा की ओर से संविधान को अंगीकार किया गया था।
चैम्पियन अनुपम ने सभी छात्राओं को भारतीय सँविधान की प्रस्तावना को पढ़ाया और बालिकाओं के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा सँचालित विभिन्न योजनाओं के बारे मे भी बताया।
प्रधानाचार्या डा. नीलम ने कहा कि संविधान के मूल कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को आगे बढ़ाते हुए, हम ‘विकसित भारत’ के अपने सपने को भी साकार करेंगे...” संविधान सभा ने 26 नवंबर, 1949 को सेंट्रल हॉल में संविधान को अपनाया था।
शिक्षिका डा. स्नेह लता वर्मा ने बताया कि संविधान दिवस (आईएएसटी: संविधान दिवस), जिसे "राष्ट्रीय कानून दिवस" के रूप में भी जाना जाता है, भारत में हर साल 26 नवंबर को भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डा. नीलम यादव, दिव्या शुक्ला, श्रीमती रीता, ज्योति चौधरी, सरिता सैनी, रेनू गुप्ता,मधु पटेल, देपेश श्रीवास्तव, मोहम्मद इसराइल, अलीरजा आदि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।