दैनिक देवल, सोनभद्र। भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय पर भगवान बिरसा मुण्डा की जन्म जयन्ती भाजपा जिलाध्यक्ष नन्दलाल जी के नेतृत्व मे कार्यकर्ताओं द्वारा मनाई गयी। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष नन्दलाल गुप्ता ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 के दशक में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सुगना पुर्ती (मुंडा) और माता का नाम करमी पुर्ती (मुंडा) था। साल्गा गाँव में प्रारंभिक पढ़ाई के बाद वे चाईबासा विद्यालय में पढ़ाई करने चले गए। बिरसा मुंडा को उनके पिता ने मिशनरी स्कूल में यह सोचकर भर्ती किया था कि वहाँ अच्छी पढ़ाई होगी लेकिन स्कूल में ईसाईयत के पाठ पर जोर दिया जाता था 19वीं शताब्दी के अंत में अंग्रेजों ने कुटिल नीति अपनाकर आदिवासियों को लगातार जल-जंगल-जमीन और उनके प्राकृतिक संसाधनों से बेदखल करने लगे। हालाँकि आदिवासी विद्रोह करते थें,राजस्व-व्यवस्था के ख़िलाफ़ लड़ाई के साथ-साथ जंगल-जमीन की लड़ाई छेड़ दी। यह मात्र विद्रोह नहीं था। यह आदिवासी अस्मिता, स्वायतत्ता और संस्कृति को बचाने के लिए संग्राम था। उन्होने कहा कि धीरे-धीरे बिरसा मुंडा का ध्यान मुंडा समुदाय की गरीबी की ओर गया। आदिवासियों का जीवन अभावों से भरा हुआ था। और इस स्थिति का फायदा मिशनरी उठाने लगे थे और आदिवासियों को ईसाईयत का पाठ पढ़ाते थे। कुछ इतिहासकार कहते हैं कि गरीब आदिवासियों को यह कहकर बरगलाया जाता था कि तुम्हारे ऊपर जो गरीबी का प्रकोप है वो ईश्वर का है। हमारे साथ आओ हमें तुम्हें भात देंगे कपड़े भी देंगे। उस समय बीमारी को भी ईश्वरी प्रकोप से जोड़ा जाता था। 20 वर्ष के होते होते बिरसा मुंडा वैष्णव धर्म की ओर मुड़ गए आदिवासियों के भगवान हो गए और उन्हें धरती बाबा कहा जाने लगा। लेकिन आदिवासी पुनरुत्थान के नायक बिरसा मुंडा, अंग्रेजों के साथ साथ अब मिशनरियों की आँखों में भी खटकने लगे थे। अंग्रेजों एवं मिशनरियों को अपने मकसद में बिरसा मुंडा सबसे बड़े बाधक लगने लगे। और कहा कि भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 10 नवंबर 2021 को आयोजित बैठक में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने के लिए बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को इस मौके पर जिलाध्यक्ष किसान मोर्चा यादवेन्द्र द्विवेदी, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष पुष्पा सिंह, मण्डल अध्यक्ष बलराम सोनी, बृजेश श्रीवास्तव, जिला मंत्री युवा मोर्चा अतुल पाण्डेय, विनीत तिवारी, जिला महामंत्री अनिल सिंह, गुडिया त्रिपाठी, राजेश मिश्रा, रितु अग्रहरी, अभय कान्त, रमेश जायसवाल, कैलास तिवारी, अशोक भारती सहित आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर अपना दल एस ने दी श्रद्धांजलि अपना दल एस जनपद सोनभद्र छपका कार्यालय भगवान बिरसा मुंडा जयन्ती समारोह पर जिलाध्यक्ष अंजनी पटेल की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य दिनेश बियार , विशिष्ट अतिथि गण राष्ट्रीय महासचिव (व्यापार मंच) ज्यूत नारायण पटेल , कार्यवाहक प्रदेश पदाधिकारी प्रदेश उपाध्यक्ष (युवा मंच) आनंद पटेल दयालू , प्रदेश सचिव (युवा मंच) आलोक पाण्डेय, प्रदेश सचिव (छात्र मंच) रविन्द्र यादव, प्रदेश सचिव (अल्पसंख्यक मंच) जनाब महताब आलम रहे।
मुख्य अतिथि बियार ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का जन्मदिन, आदिवासियों के लिए ऐतिहासिक दिन हैं. भगवान बिरसा मुंडा के पिता का नाम सुगना पूर्ति और माता का नाम करमी पूर्ति था,विशिष्ट अतिथि ज्यूत नारायण पटेल ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जी ने मातृभूमि की आन-बान और शान की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उनकी जन्म-जयंती ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के पावन अवसर पर उन्हें मेरा कोटि-कोटि नमन। विशिष्ट अतिथि आनन्द दयालु ने कहा कि वह दूरदर्शी थे,अंजनी पटेल ने कहा कि चाहे अंगरेजों के खिलाफ संघर्ष की बात हो, आदिवासियों की जमीन लूटने या टैक्स लादने का मामला हो या जमींदारों-महाजनों द्वारा आदिवासियों पर अत्याचार करने का, बिरसा मुंडा ने बड़ी भूमिका अदा की और अंगरेजों-उनके दलालों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. बिरसा मुंडा के उलगुलान (1895-1900) ने अंगरेजों को इतना भयभीत कर दिया कि एक रणनीति के तहत बिरसा मुंडा और उनके आंदोलन को खत्म कर दिया गया. 15 नवंबर,2024 को बिरसा मुंडा के जन्म का 150वां वर्ष आरंभ होगा. पूरा देश एक वर्ष तक इस राष्ट्रीय नायक की यादों को ताजा करेगा,इस अवसर पर कृष्णकान्त कुशवाहा, गुरमा सदर विकास खण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण अंचलों 15 नवम्बर 2024 शुक्रवार को बेलछ ग्राम सभा पंचायत भवन पर आदिवासी वन बंधुओं ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ गौरव दिवस के रुप में भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती मनायी गई।
इस अवसर पर आदिवासी वन बंधुओं महिला पुरुष व बच्चों व्दारा आदिवासी परम्परागत सांसकृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। श्यानारायण सिंह गौड़,प्रधान, सहायक विकास अधिकारी, पंचायत महिपाल लाकड़ा,ग्राम पंचायत अधिकारी अजय कुमार, सुरेन्द्र कुमार गौड़,पूर्व प्रधान हिरा लाल,पूर्व प्रधान चंन्द्रभान सिंह गोड़,रामपति ,गेंदाराम,सुनील यादव,,सुनील भारती, मुन्नी देवी, कौशल्या देवी, भगवंती देवी, सुनीता देवी, समेत हरिदेव सिंह गौड़,श्रीराम टेकाम इत्यादि लोग उपस्थित थे।