देवल संवाददाता,लखनऊ। उत्तर प्रदेश के योगी सरकार को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान करके उनका इलाज करने के मामले में उत्तर प्रदेश को पहला स्थान मिला है। वहीं महाराष्ट्र दूसरे और बिहार तीसरे स्थान पर हैं। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश को 6.5 लाख मरीज खोजने का लक्ष्य था। इसमें 31 अक्तूबर तक प्रदेश में 5.59 लाख टीबी मरीजों की पहचान की जा चुकी है। इसमें करीब दो लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान प्राइवेट डॉक्टरों ने की है।
आगरा, मथुरा, झांसी, कानपुर, मेरठ व मुरादाबाद में तो प्राइवेट डाक्टरों ने सर्वाधिक पंजीयन किए हैं। राज्य टीबी अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने बताया कि प्राइवेट पंजीयन के मामले में श्रावस्ती फिसड्डी साबित हुआ है। यहां सिर्फ 38 प्राइवेट पंजीयन हुए हैं। इसी तरह महोबा में सिर्फ 215, संत रविदास नगर में 271, हमीरपुर में 277, कन्नौज में 293, सोनभद्र में 297, चित्रकूट में 312, सुल्तानपुर में 370, अमेठी में 392 और कानपुर देहात में सिर्फ 395 मरीजों का पंजीयन हुआ है।