दैनिक देवल ,सोनभद्र। विकास की परिभाषा में सड़कों का अहम योगदान है। जैसे-जैसे सड़कों का विस्तार होता है विकास के पहिए भी उतनी ही तेज गति से यात्रा करते हैं। जनपद के विकास में भी सड़कों की अहम भूमिका रही है। राज्य मार्गों का निर्माण हो या ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्यालय से जोड़ने की मुहिम, इन सड़कों ने बखूबी साथ निभाया है। मगर आमजन की सहूलियत के लिए बनी सड़कें यातायात के नियमों का अनुपालन न करने की वजह से आए दिन दुर्घटनाओं का गवाह बनी रही है।
जनपद में नवंबर माह को यातायात माह के रूप में घोषित किया गया है जिसमें जगह-जगह कार्यक्रम कर लोगों को यातायात के नियमों के बारे में जागरूक किया जा रहा है ताकि सड़कों पर आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। मोटर चालकों को कड़े निर्देश दिए गए हैं की वाहनों को चलाते समय यातायात के नियमों का खास ध्यान रखा जाए। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा के नेतृत्व में इस अभियान में निर्देशित किया गया कि यातायात के नियमों का पालन नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इधर जनपद में सड़क दुर्घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। शायद कोई दिन हो जब सड़क दुर्घटनाओं की खबर न प्राप्त होती हो।
इन दुर्घटनाओं के मूल कारणों पर गौर करें तो इसके लिए प्रशासन से लेकर आम जन दोनों ही जिम्मेदार हैं। सड़कों पर अनियंत्रित गति से चलते वाहन हों या सड़कों के किनारे बेहतरजीब से खड़े वाहन। ई-रिक्शा,ई-कार्ट चलाने के लिए भी लेना होता है लाइसेंस-एआरटीओ बोले ई-रिक्शा ड्राइवरों के लिए डीएल जरूरी आज होगा विशेष कैम्प का आयोजन, ई-रिक्शा की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं और लगने वाले जाम पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। ई-रिक्शा चालकों के लिए भी ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य होगा। यातायात माह के अन्तर्गत परिवहन विभाग द्वारा ई-रिक्शा,ई कार्ट चालकों के लाइसेंस हेतु विशेष कैम्प का आयोजन 12 नवंबर को परिवहन कार्यालय में होगा। गौरतलब है कि जनपद में 1224 रजिस्टर्ड ई-रिक्शा व 71 रजिस्टर्ड ई-कार्ट चल रहे है।
एआरटीओ प्रशासन धनवीर यादव का कहना है ई-रिक्शा का पंजीकरण के साथ फिटनेस प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है। इनके बिना ई-रिक्शा को जब्त किया जा सकता है। साथ ही चालक का ड्राइविंग लाइसेंस भी अनिवार्य है। ई-रिक्शा के लिए एआरटीओ कार्यालय में पंजीयन कराना होता है। इसके बाद रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा, जिसे रिक्शे पर दर्ज करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद हर तीन वर्ष में रिक्शे की फिटनेस का प्रमाणपत्र भी एआरटीओ से लेना होगा।
मोटर वाहन निरीक्षक आलोक कुमार यादव ने बताया कि चालकों के लिए सरकार ने ई-रिक्शा/ई-कार्ट लाइसेंस की व्यवस्था लागू की है।
एआरटीओ दफ्तर में बना पृथक सुविधा काउंटर
परिवहन संबंधित कार्य के लिए पृथक काउंटर की हुई स्थापना परिवहन कार्यालय में लाइसेंस, फिटनेस व पंजीयन को वरिष्ठ नागरिकों, मान्यता प्राप्त पत्रकारों, सैनिकों,भूत पूर्व सैनिकों व महिलाओं के लिए पृथक सुविधा काउंटर की स्थापना कर दिया गया है। एआरटीओ धनवीर यादव ने बताया कि अभी तक लाइसेंस हो या फिर वाहन का फिटनेस कराना हो या फिर अन्य कोई कार्य। सभी को एक ही काउंटर पर कतार में लग कर काम कराना पड़ता था, लेकिन सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों, मान्यता प्राप्त पत्रकारों, भूत पूर्व सैनिकों व महिलाओं के लिए पृथक सुविधा काउंटर बनाने का निर्देश जारी परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह की ओर से जारी निर्देश के बाद काउंटर की स्थापना कर दी गई है। ताकि इनको कतार में लगना न पड़े। वाहन कहीं भी खड़ा कर दिया जाता है जिससे लोगों को काफी दुश्वारी झेलनी पड़ती है और उससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है।यही नहीं प्रशासन के नाक के नीचे ही यातायात के नियमों को बेखौफ तोड़ा जाता है और प्रशासन मूकदर्शक बना देखता रहता है। हालांकि है जिम्मेदारी हम सभी को मिलकर उठाने की जरूरत है ताकि हम खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखने में सहयोग कर सकें।