कृष्ण कुमार तिवारी ब्यूरो चीफ अंबेडकर नगर दैनिक देवल | अंबेडकर नगर जनपद में 500 से अधिक अस्पताल संचालित हैं, जबकि सीएमओ से मीडिया कर्मियों के वार्ता के दौरान बताया गया की रजिस्टर्ड स्थलों की सूची उनके प्रभारी को आदेश देकर मांगा गया है जिनके द्वारा सभी डॉक्यूमेंट उपलब्ध करवाए जाएंगे तब उसके बाद संख्या बताई जा सकेगी। आदेश जारी होने के बाद भी जिम्मेदार लोगों द्वारा वैद्य अस्पतालों और अवैध रूप से संचालित अस्पतालों की सूची अभी तक अपने क्षेत्र से एनओसी नहीं दी गई आखिर क्यों? अवैध ढंग से संचालित अस्पतालों पर शिकंजा कसने के बजाए जिम्मेदार नोटिस जारी कर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ले रहे हैं। इस वजह से ऐसे अस्पतालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।इलाज से ज्यादा मरीज व तीमारदारों की व्यवस्था को लेकर चर्चा में रहता है।प्रदेश में शायद ही कोई ऐसा सरकारी अस्पताल हो, जहां वार्ड और उसके बाहर मरीज या तीमारदार को शासन प्रशासन द्वारा प्राप्त सुविधा दिया जाता हो।नगर के मुख्य चौराहे से लेकर कोई मोहल्ला ऐसा नहीं, जहां अवैध अस्पताल संचालित न हो रहे हों। गलत इलाज से कई मरीजों की जान जा चुकी है। हर बार पुलिस कार्रवाई का हवाला देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। मामला अगर तूल पकड़ता है तो स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार नोटिस भेजकर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर लेते हैं। जनपद में संचालित अवैध हॉस्पिटलों पर जिस डॉक्टर का नाम दर्ज होता है,वे डाक्टर शायद ही कभी कभार आते है बाकी पूरा इलाज झोलाछाप लोग ही कर रहे है।इससे पहले कई जानें तक जा चुकी है लेकिन बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि यह अवैध अस्पताल किसके संरक्षण में संचालित हो रहे है इसी तरह क्षेत्र में पैथालांजी भी चल रही है और झोलाछाप डाक्टरों का बाकायदा कमीशन बंधा हुआ है।चाहे साधारण ही मरीज क्यों न हो परन्तु जांच जरूरी है, क्षेत्र में जितने मरीज नहीं है उससे ज्यादा अस्पताल व पैथालाजी है आखिरकार इन अवैध अस्पताल व पैथालाजी चलाने वालो पर कब कार्यवाही होती है यह बड़ा सवाल बना हुआ है।क्षेत्र में स्थित कई दर्जनों अवैध हॉस्पिटल मेडिकल की आंड में संचालित किए जा रहे हैं।आखिर किसके सांठगांठ से हॉस्पिटल व पैथालांजी चलाई जा रही हैं।