एफसीआई के सीएमडी अशोक मीणा का कहना है कि गेहूं की सरकारी खरीद सुचारू रूप से चल रही है। अब तक हमने 196 लाख टन गेहूं की खरीदारी की है जबकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की वार्षिक आवश्यकता 186 लाख टन है। हम अपने खरीद लक्ष्यों को प्राप्त करने की सही दिशा में है।सरकार ने चालू सीजन के दौरान अब तक 196 लाख टन गेहूं की खरीदारी कर ली है। यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं के लिए जरूरी वार्षिक मांग 186 लाख टन से ज्यादा है। सूत्रों के अनुसार, अब तक विभिन्न राज्यों के 16 लाख किसानों से 45 हजार करोड़ रुपये के गेहूं की खरीदारी की गई है।सरकार ने चालू सीजन में 310-320 लाख टन गेहूं की खरीदारी का लक्ष्य रखा है। सरकार के लिए गेहूं की खरीदारी करने वाली नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। पिछले वर्ष की समान अवधि के 219.5 लाख टन के मुकाबले इस बार गेहूं की सरकारी खरीद 11 प्रतिशत कम रही है। इसका प्रमुख कारण मध्य प्रदेश और पंजाब में कम खरीदारी होना है।एफसीआई के सीएमडी अशोक मीणा का कहना है कि गेहूं की सरकारी खरीद सुचारू रूप से चल रही है। अब तक हमने 196 लाख टन गेहूं की खरीदारी की है, जबकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की वार्षिक आवश्यकता 186 लाख टन है। हम अपने खरीद लक्ष्यों को प्राप्त करने की सही दिशा में है। इसका कारण यह है कि पंजाब और हरियाणा से आवक अच्छी है। अकेले इन दोनों राज्यों से 200 लाख टन गेहूं की खरीदारी की जाएगी।पिछले वर्ष सरकार ने 261.97 गेहूं की खरीदारी की थी। कृषि मंत्रालय ने चालू वर्ष के दौरान देश में 1,120.19 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान जताया है। पिछले वर्ष देश में 1,105.54 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।