आजमगढ़। जहानागंज क्षेत्र के धनहुंआ स्थित एसकेडी विद्या मन्दिर में बुधवार को आहार, विहार पर परिचर्चा के साथ योग प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें अति उत्साह के साथ भाग लेते हुए छात्र/छात्राओं ने योग के विभिन्न पहलुओं और उससे होने वाले लाभ के बारे में जाना। आगामी बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए छात्र कैसी दिनचर्या अपनायें, उनका खान-पान कैसा हो जिससे स्वस्थ्य शरीर के साथ उनका मन भी स्वस्थ्य हो इस पर विधिवत चर्चा हुई।कार्यक्रम की शुरूआत ओम् के उच्चारण एवं गायत्री महामंत्र के जाप के साथ हुई। योग के विभिन्न प्रकारों को बताते हुए योगाचार्य रवि प्रकाश यादव ने भस्त्रिका, कपालभाति, भ्रामरी और अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के तरीको को बारीकी से बताया। योग की विधाओं पर प्रकाश डालते हुए श्री यादव ने कहा कि योग चार प्रकार के होते हैं। कार्मयोग, राजयोग, भक्तियोग और ज्ञानयोग। राजयोग के आठ अंग हैं। यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारण, ध्यान और समाधि। प्रत्येक व्यक्ति को इन सभी को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। उन्होनें सूर्य नमस्कार के बारहो आसनों को सरलता के साथ छात्रों को सीखाया। योग सीखने के प्रति छात्रों का जुनून देखते ही बन रहा था। जिसका जैसा अन्न रहता है उसी तरह का मन भी होता है। जब तक उचित आहार और एक निश्चित समय पर भोजन नहीं लिया जायेगा, प्राणायाम और ध्यान करने का लाभ नहीं मिलेगा।