देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। सोनांचल में पिछले चार दिनों से लगातार रूक-रूक कर हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश के साथ तेज हवाओं के चलने से कहीं विद्युत पोल धराशाही हो गए हैं तो कहीं जर्जर तार टूटकर गए हैं। जिला मुख्यालय के प्रमुख शहर सोनभद्र नगर सहित ग्रामीण इलाकों में जल जमाव से लोगों को आवागमन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के खेतों में पानी जमा होने से फसलें नष्ट होने की कगार पर पहुंच गई हैं, जिससे कृषकों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
बीते सोमवार की देर शाम से सोनांचल में शुरू हुई बारिश का कहर लगातार गुरूवार की सुबह चौथे दिन भी किसानों पर जारी रहा। गत बुधवार की देर रात तेज हवाओं के साथ बारिश होने से खेतों में तैयार धान की हजारों कुंतल फसलें बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई है, जिससे इस प्राकृतिक आपदा से किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। सदर ब्लाक के तरांवा, सेमरा, हेवती, खेखड़ा आदि दर्जनों गांवों में पक कर तैयार धान की फसलें खेतों में भरे पानी में गिर जाने से किसानों को अपार पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने बताया कि पानी में फसल डूबने से पैदावार पर असर पड़ेगा। तमाम कृषक कर्ज लेकर खेती किए हुए हैं, ऐसी दशा में यदि खेतों में भरे पानी की वजह से फसलें नष्ट हो गई तो उन्हें काफी नुकसान होगा और वे कर्ज के बोझ के नीचे दब जाएंगे। इसी तरह सदर ब्लाक के ही गोगारी गांव में भी धान व सरसो की फसल बारिश के पानी के चलते नष्ट हो गई। पीड़ित एक किसान ने बताया कि उन्होंने पैसा पर खेत लेकर उसमें सरसो की खेती किया था। बारिश के कारण सरसो का पौधा गल कर नष्ट हो गया, जिससे उन्हें लाखों रूपए का नुकसान हुआ है। इसी तरह जनपद के अन्य हिस्सों में भी इस प्राकृतिक आपदा से फसलें नष्ट होने से किसानों को अपार पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने शासन-प्रशासन से मुआवजा की मांग किया है।

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