देवल संवाददाता, आजमगढ़ । साइबर क्राइम थाना ने पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर व थाना मेहनगर की फर्जी मोहर लगा कर कूटरचित नोटिस बनाकर ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया; आरोपित के कब्जे से एक लैपटॉप, एक मोबाइल और थाना मेहनगर की एक फर्जी मोहर बरामद हुई।
नोडल अधिकारी साइबर क्राइम विवेक त्रिपाठी के निर्देशन तथा क्षेत्राधिकारी साइबर क्राइम आस्था जायसवाल के पर्यवेक्षण में बुधवार को साइबर क्राइम थाना, जनपद आजमगढ़ की टीम ने फिनो पेमेंट बैंक, गोसाई बाजार स्थित दुकान से एक अभियुक्त को शाम गिरफ्तार किया।
मेंहनगर थाना क्षेत्र के ठोठिया गांव निवासी पीड़ित गुलाबचन्द पुत्र संगति पांच अक्टूबर को पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिया कि उसे और उसके भाइयों सुबाषचन्द व सतीशचन्द को डाक से एक नोटिस प्राप्त हुआ जिसमें कहा गया था कि सन्तोष पुत्र वंशु व सुनील पुत्र लालमनि कश्यप के प्रार्थना पत्र के आधार पर उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में पंजीकरण है और पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है; नोटिस के नीचे पुलिस अधीक्षक के हस्ताक्षर व थाना मेहनगर की मोहर अंकित थी। नोटिस में भुगतान का झूठा संदेश व 22,492.30 रुपये जमा करने के लिए OTP भेजने की मांग भी की गई थी।
शिकायत, लोकेशन और मुखबिर की सूचना पर साइबर क्राइम थाना ने कार्रवाई करते हुए आरोपित को पकड़ लिया। गिरफ्तार अभियुक्त के पास से एक लैपटॉप, एक मोबाइल फोन तथा थाना मेहनगर की एक फर्जी मोहर बरामद की गई। गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ कूटरचित नोटिस व फर्जी मोहर के निर्माण एवं ठगी के सिलसिले में मामला दर्ज कर लिया गया है
एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसकी मंशा जमीन विवाद में उलझे पक्षों से लाभ उठाने की थी। उसने बताया कि गांव के सुनील कश्यप व गुलाबचन्द के बीच जमीन विवाद था और वह इस स्थिति का गलत फायदा उठाना चाहता था। आरोपी ने कहा कि उसने पहले ही थाना मेहनगर की फर्जी मुहर बनवाई थी, फिर अपने लैपटॉप पर पुलिस अधीक्षक की मोहर जेनरेट कर नोटिस पर मुहर लगाई तथा फर्जी हस्ताक्षर तैयार करके नोटिस रंगीन प्रिंट कर पोस्ट ऑफिस से भेज दिया। आरोपित ने बताया कि पांच अक्टूबर को जब गुलाबचन्द ने नोटिस के बारे में उसे बताया तो उसने छह अक्टूबर को गुलाबचन्द को लेकर पुलिस कार्यालय दिखाने के बहाने बाहर खड़ा कराया और उसी समय अपने लैपटॉप से pay.ecourts.gov.in वेबसाइट का दिखाकर 22,492.30 रुपये जमा करने का फर्जी संदेश तथा OTP का झांसा भेजा, जिससे पैसे दिलवाने की कोशिश की गई और बाद में मध्यस्थता कर लाभ उठाने का इरादा था।