देवल संवाददाता, आजमगढ़। क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत इन दिनों काफी जर्जर होती जा रही है। अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। चिकित्साधिकारी डॉ. देवानंद यादव ने बताया कि अस्पताल में तीन फ्रीजर की आवश्यकता होने के बावजूद मात्र एक फ्रीजर से ही काम चलाया जा रहा है, जिससे मरीजों को कई बार परेशानी झेलनी पड़ती है।
डॉ. यादव ने यह भी बताया कि पिछले डेढ़ साल से अस्पताल को कोई बजट नहीं मिला है, जिसके कारण न तो कोई मरम्मत कार्य हो पा रहा है और न ही रंगाई-पुताई जैसी बुनियादी चीजें हो सकी हैं। अस्पताल की खिड़कियों के शीशे टूटे पड़े हैं, लेकिन बजट न मिलने के कारण उनकी जगह नए शीशे तक नहीं लगाए जा सके हैं।
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि जन्म प्रमाण पत्र के नाम पर अस्पताल में लूट मची हुई है। मरीजों और उनके परिजनों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि डॉक्टर ज्यादातर दवाएं बाहर की महंगी दुकानों से लिख देते हैं, जिससे गरीब मरीजों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाता है।
सरकारी अस्पताल में सरकारी दवाएं नाम मात्र की मिल रही हैं, जबकि अधिकांश मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। लोगों का कहना है कि अस्पताल अब कबाड़खाना बन चुका है, जहां सफाई, रखरखाव और सुविधाओं का अभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द अस्पताल की स्थिति सुधारने, आवश्यक बजट जारी करने और अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं की जांच कराने की मांग की है।