देवल संवाददाता, मऊ। ब्रेन स्ट्रोक वह स्थिति है जब ब्रेन में जब मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। ऐसी दशा में रक्त और आक्सीजन दोनों ही मस्तिष्क में नहीं पहुंच पाते हैं। इसमें मस्तिष्क की नस फटने जैसे मामले भी सामने आते हैं। रक्त फैलने व दबाव के कारण दिमाग की नसें दब जाती हैं। इसमें इस्कीमिक व हेमरेजिक दो प्रकार के स्ट्रोक हो सकते हैं। इस्कीमिक जानलेवा नहीं होता पर हेमरेजिक स्ट्रोक से जान बचने की संभावना बहुत कम हो जाती है। ऐसे मरीज के लिए हर मिनट कीमती होता है। यही इस वर्ष की थीम भी है। ऐसे मरीजों को तत्काल चिकित्सक को दिखाना चाहिए। डॉ संजय सिंह ने विश्व स्ट्रोक दिवस यह बातें बुधवार को कही। शारदा नारायण हास्पिटल से गाजीपुर तिराहा व फातिमा चौराहे तक आयोजित जन-जागरुकता रैली को संबोधित कर रहे थे। मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुजीत सिंह ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर सीपीआर का महत्व बताते हुए कहा कि ऐसे मरीज को सीपीआर करते हुए तत्काल हास्पिटल ले जाना चाहिए। कहा कि ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए जीवनशैली बदलाव करना आवश्यक होता है। अपनी दिनचर्या में योग एवं प्राणायाम को सम्मिलित करना आवश्यक है। शारदा नारायण नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेज पहसा गड़वा के विद्यार्थियों द्वारा शारदा नारायण हास्पिटल से निकली रैली गाजीपुर तिराहा एवं फातिमा चौराहा पर पहुंची जहां नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्ट्रोक के बारे में जागरुक किया गया। इसके उपरांत मिर्जाहादीपुरा चौक एवं भीटी चौक पर भी लोगों को इस संदर्भ में जागरुक किया गया।
