देवल संवाददाता, आज़मगढ़। जिले में जीवित व्यक्ति को मृत दिखाकर उसकी बेशकीमती जमीनों को हड़पने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। ताजा मामला लालगंज तहसील क्षेत्र का है, जहां रेतवा चंद्रभानपुर गांव में एक महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पति को अभिलेखों में मृत दिखाकर उनकी करोड़ों की जमीन दूसरे के नाम करा दी गई। पीड़िता ने जिलाधिकारी से जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
लालगंज तहसील क्षेत्र के रेतवा चंद्रभानपुर निवासी सर्वजीता पत्नी स्वर्गीय इंद्रदेव बुधवार को अपने पुत्रों के साथ डीएम कार्यालय पहुंची। सभी ने हाथों में जीवित मुर्दा व 50 लाख की भूमि डकैती जैसे पोस्टर लोई थे। पीड़िता ने बताया कि उनके पति इंद्रदेव पुत्र द्वारिका का नाम मौजा रेतवा चंद्रभानपुर की खतौनी फसली वर्ष 1421 से 1428 में 4 खातों में सह-भूमिधर के रूप में दर्ज था। इस भूमि की कीमत करीब 50 लाख रुपये बताई गई है।
पीड़िता के पुत्र देवनाथ तिवारी ने बताया कि उस भूमि पर उनके परिवार ने पेड़-पौधे लगाए थे, लेकिन करीब दस दिन पहले गढ़ौली गांव निवासी रजनीकांत त्रिपाठी, उदयभान तिवारी, संतोष तिवारी और जितेंद्र मिश्र ने जबरन बाउंड्रीवाल बनवाना शुरू कर दिया। विरोध करने पर आरोपियों ने असलहा दिखाकर धमकाया और कहा कि यह जमीन अब उनके नाम हो चुकी है।
बाद में जब तहसील से अभिलेख मंगाए गए तो पता चला कि राजस्व निरीक्षक के आदेश पर जनवरी 2014 में कुछ अन्य लोगों के नाम फर्जी वारिस के रूप में दर्ज कर दिए गए हैं। सर्वजीता का कहना है कि उनके पति के सही वारिस वे स्वयं और उनके तीन पुत्र रामनाथ, राजनाथ और देवनाथ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने हल्का लेखपाल से मिलकर अभिलेखों में हेराफेरी की और धोखाधड़ी कर जमीन हड़पने की साजिश रची। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
