अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा की फीस को 1 लाख डॉलर करने का एलान किया है। अचानक लिए गए इस फैसले से कई भारतीय पेशेवरों की जिंदगी उथल-पुथल हो गई है। कई भारतीय लंबे वक्त के बाद अपने घर आए थे, लेकिन ट्रंप के नए फैसले ने उन्हें बुरी तरह फंसा दिया है।
उधर अमेरिकी कंपनियां लगातार अपने विदेशी कर्मचारियों को मैसेज भेजकर रविवार के पहले अमेरिका लौट आने को कह रही हैं। दोतरफा पड़ रहे इस दबाव से भारतीय परेशान हैं। अमेरिका में मिलने वाले H-1B वीजा का भारत सबसे बड़ा लाभार्थी है। ऐसे में इस फैसले का सबसे ज्यादा असर भारतीयों पर ही पड़ेगा।
फ्लाइट्स का किराया कई गुना बढ़ा
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अपने निजी काम से भारत आए पेशेवर ट्रंप के फैसले के बाद वापस जाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन न तो उन्हें फ्लाइट की टिकट मिल पा रही है और न ही उन्हें कोई दूसरा रास्ता सूझ रहा है। इस कोढ़ में खाज का काम एयरलाइंस भी कर रही हैं। ट्रंप के फैसले के बाद एयरलाइंस ने अमेरिका जाने वाली फ्लाइट के दाम कई गुना बढ़ा दिए हैं।
व्हाइटफील्ड में काम करने वाली श्रव्य प्रकाश अपने रिश्तेदारों से मिलने भारत आई थीं। उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, 'अगर मैं अभी फ्लाइट बुक भी कर लूं, तो भी समय पर पहुंचने की गारंटी नहीं है। मेरा भविष्य खतरे में है।' वहीं एक अन्य युवती ने बताया कि वह अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए भारत आई थी। उसने कहा कि फ्लाइट की टिकट तेजी से खत्म हो रही है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर अर्जुन वर्मा ने कहा, 'अब इकोनॉमी टिकट के लिए भी 2.7 लाख देने पड़ रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि दुनिया ही पलट गई है।' बेंगलुरु के एक डेटा एनालिस्ट ने भरे गले से कहा कि 'मेरा मैनेजर मुझे तुरंत फ्लाइट पकड़ने को कह रहा है, अन्यथा मुझे 1 लाख डॉलर का वीजा शुल्क देना पड़ेगा। अब 24 घंटे से भी कम समय में मैं अपनी जिंदगी कैसे समेटूं?'