देवल संवाददाता, आजमगढ़। जिले के जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के नौशहरा वार्ड में रहने वाले लोको पायलट दुर्गेश कुमार की संदिग्ध मौत के मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। जिला सत्र न्यायालय आजमगढ़ ने आरोपी भाजपा नेता ज्ञानेंद्र मिश्रा को जमानत प्रदान कर दी है। इस फैसले से पीड़ित परिवार में निराशा का माहौल है, जबकि बचाव पक्ष ने इसे न्यायिक प्रक्रिया की जीत बताया है।
दुर्गेश कुमार, जो रेलवे में लोको पायलट के पद पर कार्यरत थे, की मौत की घटना ने स्थानीय स्तर पर काफी हलचल मचा दी थी। पुलिस ने मामले को संदिग्ध मानते हुए आरोपी ज्ञानेंद्र मिश्रा सहित 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। जांच के दौरान कई अहम सुराग मिले थे, लेकिन अदालत ने सुनवाई के बाद जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ओम प्रकाश मिश्रा ने बताया कि उनके मुवक्किल की निर्दोषता साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए गए थे। उन्होंने कहा, "अदालत ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जमानत दी है। हम न्याय के प्रति आश्वस्त हैं और आगे की कानूनी प्रक्रिया में सहयोग करेंगे।" वकील मिश्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि जमानत के शर्तों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। दूसरी ओर, दुर्गेश कुमार के परिवारजन इस फैसले से स्तब्ध हैं।
बताते चलें कि 7 सितंबर को लोको पायलट दुर्गेश की संदिग्ध परिस्थितियों मौत होने का मामला सामने आया था, जिसमें सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दुर्गेश द्वारा अपनी मौत का जिम्मेदार ज्ञानेंद्र मिश्रा और एक लड़की को बताया गया था।